लखनऊ : (मानवी मीडिया) अंबर फाउंडेशन 'कलेक्टर बिटिया' स्कीम चलाता है। इसमें ग्रामीण इलाके की जरूरतमंद बेटियों को UPSC की मुफ्त कोचिंग दी जाती है। इसका फायदा उठाकर अब तक 13 बेटियां SDO और CO बन चुकी हैं। वहीं, तैयारी कर रही छात्राओं का कहना है कि उनका UPSC का सपना अंबर फाउंडेशन के अध्यक्ष वफा अब्बास ने दैनिक भास्कर को बताया कि 'कलेक्टर बिटिया' का विचार उनके मन में कोरोना के समय आया। जब लॉकडाउन लगा, उस समय हर दूसरे व्यक्ति को मदद की जरूरत पड़ती थी। जहां तक संभव हो सका, लोगों ने एक-दूसरे की सहायता की। वहीं से यह विचार आया।
कलेक्टर बिटिया' योजना के तहत छात्राओं को कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कराते हुए। आपदा में आर्थिक तौर कमजोर लोग होते हैं परेशान अध्यक्ष ने बताया कि कोरोना से ये विचार आया कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों को ऐसी सुविधा दी जाए, जिससे वो अधिकारी बनकर पूरे समाज की मदद करें। जब भी कोई आपदा आती है, तो उसकी चपेट में सबसे पहले सामान्य वर्ग के और आर्थिक रूप से कमजोर लोग आते हैं। वहीं से विचार आया कि क्यों न इसी समाज की बेटियों को ऐसी शिक्षा दी जाए कि वो पूरे समाज का सहारा बन सकें। बस तभी से कलेक्टर बिटिया की शुरुआत हो गई।
वफा अब्बास बोले- कोरोना के हालात से बेटियों को कलेक्टर बनाने का आया विचार। 13 बेटियों का हुआ सिलेक्शन वफा अब्बास ने बताया कि साल 2021 में 'कलेक्टर बिटिया' के सिलेक्शन के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चला कर बेटियों को इस योजना के बारे में जानकारी दी। इच्छुक छात्राओं से ऑनलाइन फॉर्म भरवाया गया। इसके बाद एंट्रेंस एग्जाम कराया जाता है, जिसमें 5600 लड़कियों ने हिस्सा लिया। पहले बैच में 300 लड़कियां चुनकर आईं। कोचिंग के माध्यम से UPSC की तैयारी शुरू की और पहले बैच से ही 2023 में 13 लड़कियों का सिलेक्शन हो गया। यह पहला अवसर था जब ग्रामीण क्षेत्र से और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से निकलकर आने वाली बेटियां CO और SDM जैसे पद पर पहुंची थीं। यह हमारी संस्था के लिए गौरव की बात थी।
तस्वीर में नजर आ रही लड़कियां प्रवेश परीक्षा के बाद 'कलेक्टर बिटिया' के लिए चुनी गईं। 2023 बैच में 292 लड़कियां कर रहीं तैयारी वफा अब्बास ने बताया कि दूसरा बैच 2023 में शुरू किया गया। इस बैच के लिए पूरे प्रदेश से 292 लड़कियां चुनकर आई हैं। वो कलेक्टर बिटिया के तहत UPSC की तैयारी कर रही हैं। सिलेक्ट होने वाली बच्चियों को लखनऊ और इलाहाबाद में ऑफलाइन कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जो बच्चियों इन दोनों सेंटर पर नहीं पहुंच सकतीं, उन्हें ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस बार भी हमें उम्मीद है कि विगत वर्ष से बढ़कर बच्चों का सिलेक्शन होगा और बड़ी संख्या में हमें अधिकारी के रूप में बेटियां चुनकर सामने आएंगी।
UPSC प्रवेश परीक्षा की जानकारी देते शिक्षक। ज्यादा फीस होने की वजह से नहीं कर पा रही थी तैयारी लखनऊ की नीलू कंचन ने बताया 'कलेक्टर बिटिया' के तहत उनको UPSC की तैयारी करने का अवसर मिला। लंबे समय से तलाश थी कि सही मार्गदर्शन और कोचिंग की सुविधा मिले जो अब पूरी हुई। UPSC की तैयारी करवाने वाली कोचिंग की फीस इतनी ज्यादा है, कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए बहुत समस्या होती है। हमने एंट्रेंस एग्जाम में सफलता हासिल की और उसके बाद मुफ्त कोचिंग कर रहे हैं। सफल होने के बाद समाज को बेहतर बनाने में अपना पूरा योगदान देंगे।
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