लखनऊ : (मानवी मीडिया) राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा का 10वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल जी ने कृषि, उद्यान, वानिकी और सामुदायिक विज्ञान विभागों के कुल 347 छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान कीं, जिनमें 259 स्नातक, 81 परास्नातक और 06 शोध के विद्यार्थी शामिल थे। समारोह में 73 प्रतिशत पदक छात्राओं ने प्राप्त किए। कुलाधिपति द्वारा सभी उपाधियों को डिजीलॉकर में अपलोड किया गया।
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में सभी उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि पिछले दो वर्षों में कृषि विश्वविद्यालयों में छात्राओं ने उल्लेखनीय प्रगति करते हुए अधिक मेडल प्राप्त किये हैं और आज इस विश्वविद्यालय में 21 में से 16 छात्राओं को विभिन्न संकायों में मेडल प्राप्त हुए हैं। जिन छात्र/छात्राओं को आज मेडल नहीं मिला है वे सभी अपने जीवन के लिए इतना अच्छा कार्य करें, जिससे उन्हें भी मेडल प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि महिलायें सभी क्षेत्रों में आगे बढ रही हैं तथा कृषि, वानिकी, उद्यान के क्षेत्र में भी आगे बढ़कर मेडल प्राप्त कर रही हैं।
उन्होंने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित तकनीकी एवं अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं को किसानों, महिलाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं तक अवश्य पहुंचाये, जिससे वे स्वावलम्बी एवं सशक्त बन सकें। जानकारी के अभाव में कृषक योजनाओं के लाभों से वंचित रह जाते हैं, ऐसे में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का यह दायित्व है कि समावेशी विकास हेतु अपना योगदान करें। देश के विकास में ही सभी का विकास समाहित है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री का सपना है कि स्वयं सहायता समूह की सखियां लखपति एवं ड्रोन दीदियां बने इस दिशा में कार्य निरन्तर किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि बुन्दलेखण्ड क्षेत्र में कृषि क्षेत्र की अपार सम्भावनायें हैं। किसान वैज्ञानिक पद्धति से उन्नतशील खेती करें तथा उर्वरकों एवं रासायनिक छिड़काव आदि का उपयोग कम करें, जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव होगा। उन्होंने कहा कि किसान प्राकृतिक खेती की ओर आगे बढें और लक्ष्य बनाकर प्राकृतिक खेती को अपनायें, जिससे आगामी वर्षों में परिवर्तन अवश्य आयेगा। उन्हांेने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय दलहन, तिलहन मिशन के अन्तर्गत मूंगफली, सरसों, अलसी, तिलहन में आत्मनिर्भर बनने के लिए कार्य करे तथा किसानों के बीच में बैठकर कृषि के विषय में वैज्ञानिक जानकारी दें ताकि किसान कृषि कार्य वैज्ञानिक एवं उन्नतशील तरीके से करके अपना उत्पादन बढ़ा सकें। राज्यपाल ने जल संरक्षण हेतु तालाबों का निर्माण कराये जाने एवं कृषि उत्पाद को बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में अलग-अलग योजनाएं बनाकर कार्य करने पर जोर दिया।
इन आंगनबाड़ी किटों का वितरण बच्चों के समग्र विकास और शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने स्कूली बच्चों के बीच आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया और अध्यापकों और प्रधानाध्यापकों को राजभवन की ओर से पुस्तकंे भेंट की जो स्कूलों के पुस्तकालयों मंे रखी जाएंगी। राज्यपाल ने इस अवसर पर बांदा कृषि विश्वविद्यालय बोटेनिकल गार्डन एवं फसलोक्तर प्रबन्धन प्रयोगशाला का लोकार्पण किया तथा मेडिटेशन एण्ड वेलनेश सेन्टर (केन नेचर पार्क) का शिलान्यास भी किया।