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Saturday, September 7, 2024

UPSTF ने एस0जी0पी0जी0आई0 के प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट करने वाले दो सदस्य को किया गिरफ्तार


लखनऊ (मानवी मीडिया)एस0जी0पी0जी0आई0 के एसोसिएट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट करके लगभग 02 करोड़ रूपयेे की ठगी करने वाले गंैग के 02 सदस्य जनपद लखनऊ से गिरफ्तार।

दिनांकः 07-09-2024 को एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को एस0जी0पी0जी0आई0 के एसोसिएट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट करके लगभग 02 करोड़ रूपये की ठगी करने वाले गैंग के 02 सदस्यों को जनपद लखनऊ से गिरफ्तार करने मंे उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। 

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरणः- 

1. लोकेष जैन पुत्र कोमल सिंह, नि0 मूल पता 96 तम्बोली मोहल्ला झलरापाटन झालावाड़ राजस्थान। हाल पता 1285/11 मालवीय नगर थाना मालवीय नगर जयपुर राजस्थान।

2. पवन जैन पुत्र अनिल कुमार जैन, नि0 कालदी देवरा, थाना बूँदी राजस्थान।

बरामदगी- 

1. 9,91,000/- रू0 नगद। 

2. 03 अदद मोबाइल फोन। 

3. एक अदद चार पहिया वाहन आर0जे0-45,सी0ई-6683 (फाॅक्सवैगन एमिओ)

एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से सोषल मीडिया के माध्यम से काॅल करके स्वयं को पुलिस/ई0डी0/सी0बी0आई0 आदि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताकर लोगांे को डरा-धमकाकर ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ उ0प्र0 की विभिन्न टीमांे/इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में  दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 के निर्देषन मे टीम गठित द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।   

 विगत दिनों एस0पी0जी0आई0 लखनऊ के एसोसिएट प्रोफेसर के मोबाइल पर किसी अज्ञात नम्बर से काल आया। जिस पर उनके द्वारा काल रिसीव करने पर काॅलर द्वारा स्वयं को सी0बी0आई0 मुम्बई का पुलिस अधिकारी बताकर कहा गया कि मनी लाड्रिंग का केस हुआ जिसमें आपके खाते का इस्तेमाल किया गया है। इसी तरह बात करके उनको प्रभाव मे लेते हुए बैंक व उनकी सारी डिटेल प्राप्त कर लिया गया। जिसके उपरान्त लगभग 05 दिन से अधिक समय तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया एवं उनके खाते से लगभग 02 करोड़ से अधिक का पैसा विभिन्न खातो में ट्रान्सफर कर लिया गया। जब इनको इस बात का एहसास हुआ कि मेरे साथ ठगी की घटना हो गयी है तब इनके द्वारा थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में मु0अ0सं0 132/2024 धारा 319(2), 318(2), 338, 336, 340, 61(1)अ बी0एन0एस0 व 66डी आई0एक्ट0 का अभियोग पंजीकृत कराया गया।

 अभिसूचना संकलन के क्रम में तकनीकी विषेषज्ञता एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि स्वयं को पुलिस अधिकारी/सी0बी0आई0 अधिकारी बनकर ठगी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य शालीमार वन वल्र्ड, शहीद पथ के पास मौजूद हैं, यदि जल्दी किया जाय तो पकड़े जा सकते हैं इस सूचना पर उ0नि0 श्री तेजबहादुर सिहं के नेतृत्व में मु0आ0 कृष्ण कान्त शुक्ला, तथा मु0आ0 सुनील यादव की टीम द्वारा उक्त स्थान पर पहुॅच कर, मुखबिर की निषादेही पर उपरोक्त अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।   

 गिरफ्तार अभियुक्तों ने पछूताछ में बताया कि इन लोगों के गिरोह ने एस0जी0पी0जी0 के एक डाॅक्टर के मोबाईल नम्बर पर काल करके खुद को पुलिस/सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हे डराते-धमकाते हुए उनकी व्यक्तिगत जानकारी लेकर उनके खाते से रूपये ट्रांसफर कराकर, गैंग के सदस्यों द्वारा अरेंज किये हुए अलग-अलग लोगों के खातों में रूपये ट्रांसफर कर दिये थे, इन लोगों के पास मिले रूपये उन्ही खातों से निकाल कर लाये थे, इन रूपयों को गिरोह के सदस्यों को देना था तथा फिर यह लोग आपस मे मिलकर रूपये बाँट लेते है। 

अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैंक खाते, वालेट आदि की जानकारी व गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फाॅरेसिंक परीक्षण कराया जायेगा। उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में पंजीकृत मु0अ0सं0 132/2024 धारा 319(2), 318(2), 338, 336, 340, 61(1)अ बी0एन0एस0 व 66डी आई0एक्ट0 में दाखिल किया जा रहा है। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जायेगी।

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