उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) मुरादाबाद से बड़ी घटना सामने आई है। यहां अवैध वसूली की नियत से पुलिस ने देर रात खाली ट्रैक्टर-ट्राली लेकर जा रहे युवक का पीछा शुरू किया। जिससे वो डर गया। दलपतपुर गांव के पास जाकर उसकी ट्रैक्टर-ट्रॉली पलट गई। जिससे 27 साल के लोकेश कुमार उर्फ मोनू की ट्रैक्टर के पिछले पहिए के नीचे आने से मौत हो गई। पीछा करने वाले पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगा और बवाल खड़ा हो गया। शुक्रवार सुबह आठ बजे ग्रामीणों के सामने जब वही पुलिसकर्मी पड़े, तो लोग आपा खो बैठे। पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया। पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी लाठी-डंडों से पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और जाम लगा दिया।
अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय निवासी जल्द ही मौके पर एकत्र हो गए और कथित तौर पर पुलिसकर्मियों पर ईंटों और डंडों से हमला कर दिया, उन्हें बंदी बना लिया और दो पुलिसकर्मियों की वर्दी भी फाड़ दी तथा संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की। लोकेश उर्फ मोनू की मौत मामले में अभी तक दो पुलिस कर्मियों को नामजद करते हुए चार के खिलाफ मर्डर की FIR हो चुकी है। मुरादाबाद के पुलिस कप्तान सतपाल अंतिल ने सख्त लहजे में कहा कि ऐसी घटनाएं कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। आधी रात एसएसपी ने ठाकुरद्वारा थाने के SHO सुदेशपाल सिंह समेत 7 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया। ठाकुरद्वारा सर्किल के सीओ राजेश सिंह को भी देर रात हटा दिया गया है।
लोकेश सैनी उर्फ मोनू (25) का परिवार पेशे से किसान है। मोनू के पास अपनी ट्रैक्टर ट्राली थी, जिसे वो ठाकुरद्वारा और आसपास के गांवों के लोगों के सामान ढोने के लिए किराए पर भी चलाता था। इसके अलावा कभी-कभार खनन भी करता था। खेतों से मिट्टी उठाकर वो ठाकुरद्वारा या आसपास के गांवों में निर्माणाधीन प्लाट में डालता था। लेकिन, गुरुवार रात वो घर से लकड़ी ढोने के लिए निकला था। जब ये घटना हुई, उस समय मोनू की ट्राली एकदम खाली थी।
सीसीटीवी में पीछा करती दिखी पुलिस की गाड़ी गांव के बाहर लगे सीसीटीवी में मोनू की ट्रैक्टर ट्राली कैद हुई। गुरुवार/शुक्रवार की रात 3:03 बजे की रिकॉर्डिंग में पुलिस की सफेद रंग की गाड़ी मोनू के ट्रैक्टर-ट्राली का पीछा करती नजर आ रही है। फुटेज में मोनू की ट्राली खाली नजर आ रही है। इससे साफ हो गया है कि जिस वक्त पुलिस टीम पीछा कर रही थी, उस समय मोनू खनन करके नहीं ले जा रहा था।
गांव वालों ने ये फुटेज पुलिस को सौंपी है। इस फुटेज से इतना साफ हो गया है कि शुक्रवार सुबह 6 बजे अपने गांव के बाहर खेत पर ट्रैक्टर के पहिए के नीचे दबे मिले मोनू की मौत से पुलिस का कोई न कोई कनेक्शन जरूर है। कुछ देर बाद पुलिस की गाड़ी वापस जाते समय भी CCTV में कैद हुई है। लोकेश उर्फ मोनू के ताऊ मनसुख सैनी ने दैनिक भास्कर को बताया कि मेरा भतीजा मोनू खेतों से मिट्टी उठाकर लोगों के प्लाट में डाल देता था। इसके बदले उसे कुछ पैसे मिल जाते थे। ठाकुरद्वारा थाने का सिपाही अनीस और कुछ अन्य पुलिस वाले मोनू से प्रति ट्राली 500 रुपए लेते थे। उनकी डिमांड बढ़ती जा रही थी और वो उससे 2000 रुपए रोजाना तक की डिमांड करने लगे थे।
शुक्रवार रात भी सिपाही अनीस ने उसे रोककर 500 रुपए मांगे थे। मोनू ने पैसे नहीं दिए, क्योंकि वो कल रात मिट्टी लेकर नहीं जा रहा था। उसकी ट्राली खाली थी। वो तो खेत से लकड़ी भरकर घर डालकर गया था। शुक्रवार तड़के करीब 3 बजे जब मोनू घर लौट रहा था, तो उसे ठाकुरद्वारा पुलिस की गाड़ी मिली। जिसमें सिपाही अनीस और उसके साथी थे। मोनू ने ट्रैक्टर नहीं रोका तो सिपाही अनीस ने ट्रैक्टर के पीछे गाड़ी दौड़ा दी।