उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) देवरिया जिले की जिलाधिकारी पद पर तैनात IAS दिव्या मित्तल अपने तेज तर्रार और निष्पक्ष कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं. वहीं एक बार फिर दिव्या मित्तल अपने एक फैसले के कारण चर्चा में आ गईं है. अपनी पहलों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने एक नई और प्रगतिशील कदम उठाया. उन्होंने एक छात्रा को दो घंटे के लिए जिलाधिकारी की कुर्सी पर बैठा दिया. यह कदम न केवल समाज में महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया था बल्कि जागरूकता पैदा करने और युवा लड़कियों को प्रेरित करने के लिए भी था.दिव्या मित्तल उत्तर प्रदेश कैडर के 2013 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. वर्तमान में मिर्जापुर की जिलाधिकारी के रूप में तैनात हैं. इससे पहले, वह संत कबीर नगर के डीएम के रूप में कार्यरत थीं. अपने पहले कार्यकाल में दिव्या ने बरेली विकास प्राधिकरण के वीसी के रूप में भी काम किया. इसके अतिरिक्त, वह संयुक्त एमडी, यूपीएसआईडीए, सीडीओ गोंडा और एसडीएम मवाना और सिधौली (सीतापुर) रही हैं. नीति आयोग में सहायक सचिव के रूप में भी उन्होंने सेवाएं दी हैं. IAS प्रशिक्षण के दौरान, मसूरी स्थित LBSNAA में, उन्हें उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अशोक बंबावले पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सिविल सेवा में शामिल होने से पहले दिव्या ने लंदन में एक विदेशी डेरिवेटिव व्यापारी के रूप में काम किया था. दिव्या ने आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए और आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया है.
उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) देवरिया जिले की जिलाधिकारी पद पर तैनात IAS दिव्या मित्तल अपने तेज तर्रार और निष्पक्ष कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं. वहीं एक बार फिर दिव्या मित्तल अपने एक फैसले के कारण चर्चा में आ गईं है. अपनी पहलों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने एक नई और प्रगतिशील कदम उठाया. उन्होंने एक छात्रा को दो घंटे के लिए जिलाधिकारी की कुर्सी पर बैठा दिया. यह कदम न केवल समाज में महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया था बल्कि जागरूकता पैदा करने और युवा लड़कियों को प्रेरित करने के लिए भी था.दिव्या मित्तल उत्तर प्रदेश कैडर के 2013 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. वर्तमान में मिर्जापुर की जिलाधिकारी के रूप में तैनात हैं. इससे पहले, वह संत कबीर नगर के डीएम के रूप में कार्यरत थीं. अपने पहले कार्यकाल में दिव्या ने बरेली विकास प्राधिकरण के वीसी के रूप में भी काम किया. इसके अतिरिक्त, वह संयुक्त एमडी, यूपीएसआईडीए, सीडीओ गोंडा और एसडीएम मवाना और सिधौली (सीतापुर) रही हैं. नीति आयोग में सहायक सचिव के रूप में भी उन्होंने सेवाएं दी हैं. IAS प्रशिक्षण के दौरान, मसूरी स्थित LBSNAA में, उन्हें उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अशोक बंबावले पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सिविल सेवा में शामिल होने से पहले दिव्या ने लंदन में एक विदेशी डेरिवेटिव व्यापारी के रूप में काम किया था. दिव्या ने आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए और आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया है.