IAS अधिकारी ने किया पद का गलत इस्तेमाल : सरकारी पैसे में की ‘हेराफेरी’ - मानवी मीडिया

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Tuesday, September 3, 2024

IAS अधिकारी ने किया पद का गलत इस्तेमाल : सरकारी पैसे में की ‘हेराफेरी’


नई दिल्ली : (
मानवी मीडियाकेंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने अपने रिश्तेदार के नाम से संपत्ति खरीदने के लिए सरकारी खाते से कथित रूप से पैसे निकालने को लेकर एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है. जांच एजेंसियों के अधिकारियों ने बताया कि साल, 2003 बैच की एजीएमयूटी कैडर की आईएएस अधिकारी पद्मा जायसवाल ने 2007 में अरूणाचल प्रदेश के कामेंग में उपायुक्त रहने के दौरान ‘बड़ी प्रक्रियागत गड़बड़ी’ की थीं. सीबीआई के एक प्रवक्ता की ओर से जारी किये गये बयान के मुताबिक, जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए जायसवाल ने भ्रष्ट और अवैध तरीकों से निजी उद्देश्यों के लिए सरकारी खाते से नकदी निकाली. 

जायसवाल ने डिमांड ड्राफ्ट तैयार किए और उस राशि को चंडीगढ़ में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में निजी व्यक्तियों के खातों में भेज दिया. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को पार्टी के नेताओं से कहा कि पश्चिम बंगाल में सड़कों पर बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर वे चिकित्सकों और किसी भी प्रदर्शनकारी के बारे में बुरा न बोलें. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी ने इस मुद्दे पर सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा तीखी टिप्पणी किए जाने की खबरों के बीच, सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक बयान जारी किया. तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा ने सोमवार को संगठन के एक वरिष्ठ सदस्य को निलंबित कर दिया, जिसपर आरोप है कि उसे पुलिस के साथ सरकारी अस्पताल के कमरे में देखा गया था, जहां नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था.

आईएएस अधिकारी की प्रतिक्रिया जानने के लिए उनके सरकारी ई-मेल आईडी पर एक मेल भेजा गया. जिसका इस खबर के लिखे जाने तक कोई उत्तर नहीं आया. सीबीआई की जांच में सामने आया कि जायसवाल ने कथित तौर पर सरकारी धन से बनाए गए तीन डीसीआर (डिपोजिट एट कॉल रिसीट) को तोड़कर 28 लाख रुपये के 10 डिमांड ड्राफ्ट जारी करवाए. फिर इस राशि का उपयोग अपने रिश्तेदारों के नाम अचल संपत्तियां खरीदने में किया.

सरकारी पद का दुरुपयोग किय 

सीबीआई द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया, यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपी (जायसवाल) ने कई मौकों पर कैशियर (फुनत्सोक) और एफएंडएओ (सोनार) को अपने कार्यालय में बुलाया. फिर उनसे वापसी योग्य आधार पर नकद पैसे निकालने को कहा, और कथित तौर पर उक्त राशि का दुरुपयोग किया.

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि जायसवाल ने अन्य आरोपियों के साथ साजिश करके 28 लाख रुपये की राशि के ड्राफ्ट और कॉल रिसीट (डीसीआर) तैयार करवाकर खजाने से राशि जारी करवाने के लिए बड़ी प्रक्रियागत चूक की.

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