अयोध्या : (मानवी मीडिया) राम मंदिर में सफाई करने वाली दलित लड़की से गैंगरेप का मामला सुर्खियों में बना हुआ है. इस मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया गया है और पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इस बीच इस केस से जुड़ा एक लेटेस्ट अपडेट सामने आया है.
बता दें कि गैंगरेप पीड़िता ने समाजवादी पार्टी (सपा) चीफ अखिलेश यादव से मुलाकात की है. सपा नेता पवन पांडेय ने लखनऊ के पार्टी कार्यालय में पीड़िता की सपा प्रमुख से मुलाकात करवाई है. पीड़िता ने अखिलेश को घटना के बारे में बताया और न्याय की गुहार लगाई पीड़िता ने आगे कहा, "मैं उच्च अधिकारियों के पास गई, तब जाकर FIR दर्ज हुई.
आरोपी मुझे झूठा साबित करने में लगे हैं. FIR वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. मेरे माता-पिता पर दबाव डाला गया. उन्होंने घरवालों से कहा- अपनी लड़की को समझाकर रखो. नहीं तो इज्जत नहीं बचेगी. आरोपी भाजपा के कार्यकर्ता हैं. पुलिस उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है." जब हमने पीड़ित युवती के आरोपों के पीछे के कारणों को समझने की कोशिश की, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.
युवती के साथ रेप के मुख्य आरोपी के पिता, अयोध्या महानगर के करिअप्पा मंडल के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रह चुके हैं और भाजपा में उनकी अच्छी पैठ बताई जा रही है. जानकारी के अनुसार, घटना की खबर मीडिया में आने के बाद आरोपी के पिता कुछ स्थानीय नेताओं के साथ अयोध्या के एसएसपी राजकरण नैय्यर से मिलने गए थे. उन्होंने पहले अपने बेटे के निर्दोष होने की बात कही और फिर उसे नाबालिग बताते हुए मदद की गुहार लगाई. हालांकि, पुलिस ने फिलहाल कोई मदद देने से इंकार करते हुए विवेचना पूरी होने की बात कही है.