नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) त्यौहारों का असर दिखने लग गया हैं। बचारी कीमतों में इजाफा होना शुरू हो गया है। पिछले हफ्ते ही सरसों और मूंगफली जैसे विभिन्न खाद्य तेलों और बीजों की कीमतें बढ़ गई हैं। इसकी वजह है कि ज्यादातर लोग त्योहारों के लिए इन्हें ही खरीदना चाहते हैं। साथ ही, ये तेल ज्यादा मात्रा में उपलब्ध नहीं थे क्योंकि दूसरी जगहों से ज़्यादा तेल लाना बहुत महंगा था। इसलिए इस दौरान दूसरे देशों से आने वाले तेलों की कीमतें भी बढ़ गईं। पिछले सप्ताह के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में सूरजमुखी तेल का दाम पहले के 1,095-1,100 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1,120-1,125 डॉलर प्रति टन हो गई, सोयाबीन डीगम तेल का दाम 1,050-1,060 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1,065-1,070 डॉलर प्रति टन और सीपीओ का दाम 1,090-1,100 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1,035-1,040 डॉलर प्रति टन हो गया। इस तेजी का असर बाकी सभी तेल-तिलहन कीमतों पर हुआ जो खाद्य तेलों में सुधार का मुख्य कारण है। सूत्रों ने कहा कि कम आपूर्ति (शॉर्ट सप्लाई) की स्थिति के बीच नवरात्र और त्योहारी मांग बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन में सुधार देखा गया। आगे जाकर यह मांग और बढ़ेगी।
इसके अलावा सरसों की आवक भी अपने पिछले सप्ताह के लगभग 2.80 लाख बोरी के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में घटकर लगभग 2.40 लाख बोरी रह गई। इसके अलावा अच्छा माल खरीदने की चाहत रखने वाली कुछ कच्ची घानी मिलों द्वारा सरसों का दाम बढ़ाने से भी सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया। उन्होंने कहा कि गत सप्ताह के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में खाद्य तेलों में सुधार तो है पर सोयाबीन के मामले में देखें तो तेजी आने के बावजूद इसके दाम अब भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 5-7 प्रतिशत नीचे हैं। इसी प्रकार सूरजमुखी तेल का दाम एमएसपी से 20-25 प्रतिशत नीचे ही है। कम आपूर्ति और विदेशों में दाम मजबूत होने से सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया।
सूत्रों के अनुसार मूंगफली का दाम एमएसपी से 5-10 प्रतिशत नीचे चल रहा है। मौसम खुला नहीं होने के कारण मूंगफली की आवक भी कम है जो धीरे-धीरे आगे और बढ़ेगी। विदेशों में खाद्य तेलों के दाम में मजबूती आने और कम आपूर्ति की वजह से भी इसके दाम में सुधार है। उन्होंने कहा कि सीपीओ और पामोलीन में मौजूदा सुधार की वजह सीपीओ का कम आयात का होना है जहां आयातकों ने सीपीओ का दाम सोयाबीन से ऊंचा होने के कारण अपने आयात के सौदों का निपटान कुछ मुनाफे के साथ किया है। पिछले लगभग दो महीने में करीब चार लाख टन सौदों का निपटान मामूली मुनाफे के साथ किया गया जिससे सीपीओ का आयात प्रभावित हुआ और इस कमी का असर बाकी सभी तेल तिलहन कीमतों पर हुआ। इसके साथ ही सीपीओ एवं पामोलीन तेल के दाम मजबूत हो गये।
बिनौला तेल में सुधार की वजह किसानों को दिया गया सरकार का यह आश्वासन भी है कि एमएसपी पर किसानों की कपास फसल की खरीद की जायेगी। पिछले साल कपास नरमा एमएसपी से लगभग 10 प्रतिशत नीचे दाम पर बिका था। इसमें सुधार की वजह, कपास की आवक का कम होना भी है जो आगे बढ़ने की उम्मीद है। लेकिन विशेष बात यह है कि पिछले साल के कपास नरमा के दाम 6,000-6,200 रुपये क्विंटल थे जो इस साल 7,200-7,600 रुपये क्विंटल हैं। उन्होंने कहा कि कपास नरमा से लगभग 70-72 प्रतिशत बिनौला प्राप्त होता है। जब बाजार में बिनौला खल के दाम बेहतर होंगे तभी किसानों को कपास नरमा के अच्छे दाम मिलते हैं। कपास उत्पादन बढ़ाने का माहौल निर्मित करने और पशुपालन उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिये जरूरी है कि बिनौला खल के दाम किसानों को बेहतर मिलें। इसके लिए आवश्यक हो जाता है कि कपास के नकली खल की बिक्री पर नकेल कसी जाये जिसका कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है।
बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 100 रुपये बढ़कर 6,775-6,825 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का भाव 150 रुपये बढ़कर 14,150 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 20-20 रुपये की मजबूती के साथ क्रमश: 2,195-2,295 रुपये और 2,195-2,310 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव क्रमश: 55-55 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 4,885-4,935 रुपये प्रति क्विंटल और 4,660-4,795 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 550 रुपये, 400 रुपये और 350 रुपये बढ़कर क्रमश: 13,400 रुपये, 12,850 रुपये और 9,600 रुपये क्विंटल पर बंद हुए। मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में भी पिछले सप्ताहांत के मुकाबले सुधार का रुख रहा। मूंगफली तिलहन 100 रुपये की तेजी के साथ 6,450-6,725 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात 125 रुपये के सुधार के साथ 15,225 रुपये क्विंटल और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव 30 रुपये की मजबूती के साथ 2,300-2,600 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ। मांग बढ़ने और कम आपूर्ति की स्थिति के कारण कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का दाम 450 रुपये की तेजी के साथ 12,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 550 रुपये के सुधार के साथ 13,700 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 575 रुपये के सुधार के साथ 12,825 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल 750 रुपये के सुधार के साथ 12,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।