नई दिल्ली(मानवी मीडिया)- देशभर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग लगातार बढ़ने वाली है। बाजारों में बिना पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियों यानि बैटरी वाली गाड़ियां चल रही है। सरकार भी इसकी तरफ तेजी से कदम बढ़ा रही है।
नितिन गडकरी ने 64th ACMA एनुअल सेशन के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि अगले 2 सालों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत पेट्रोल और डीजल कारों के बराबर होगी। यानि उनके कहने का मतलब इससे लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल कारें सड़कों पर कम ही दिखाई देंगी।
गडकरी ने आगे कहा कि उन्हें वित्त मंत्री के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर सब्सिडी देने से कोई समस्या नहीं है। हालांकि पहले उन्होंने सुझाव दिया था कि ईवी निर्माताओं को अब सब्सिडी की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उनके प्रोडक्शन की लागत कम हो गई है और कंज्यूमर्स अब अब इलेक्ट्रिक वाहन का विकल्प चुन रहे हैं। भारत में पिछले साल इलेक्ट्रिक व्हीकल का मार्केट शेयर 6.3 फीसदी था, जो कि इससे पिछले साल की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा है।
इसी के साथ मंत्री ने ये भी साफ किया कि वह पेट्रोल-डीजल के खिलाफ नहीं है, लेकिन भारत को फॉसिल फ्यूल पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी, जो कि इस वक्त 22 लाख करोड़ रुपये है। इसके साथ ही गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहनों और इथेनॉल जैसे बायोफ्यूल को अपनाने पर जोर दिया। नितिन गडकरी ने हाल ही में लॉन्च की गई दुनिया की पहली सीएनजी बाइक बजाज CNG का उदाहरण दिया और कहा कि इस बाइक की लागत 1 रुपये प्रति किमी है जबकि पेट्रोल बाइक की लागत 2 रुपये से ज्यादा है। गडकरी का कहना है कि किसानों को इथेनॉल उत्पादन से लाभ हो रहा है।