पंजाब : (मानवी मीडिया) मुख्यमंत्री लेप्टोस्पायरोसिस का शिकार हो गए हैं। बुखार की शिकायत होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इस समस्या का पता चला। लेप्टोस्पायरोसिस, लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया के कारण होता है। इस बीमारी का इलाज अगर समय पर न कराया जाए तो लोगों को लिवर या किडनी डैमेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आइए, जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी डिटेल्स- क्या है लेप्टोस्पायरोसिस लेप्टोस्पायरोसिस लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी है। ये समस्या आपकी नाक, मुंह, आंखों में दूषित पानी या मिट्टी जाने पर हो सकती है। इसके होने पर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण कुछ लोगों में लेप्टोस्पायरोसिस के फ्लू जैसे लक्षण होते हैं और कुछ में कोई लक्षण नहीं होता है। इसके कुछ लक्षणों में तेज बुखार, लाल आंखें, सिरदर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, पीली स्किन या आंखें शामिल हैं। इस बीमारी के गंभीर लक्षण तीन से 10 दिन बाद दिखाई देना शुरू हो सकते हैं। इनमें खांसी के साथ खून आना, छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, आपकी त्वचा या आंखों का पीलापन, पेशाब में खून, पेशाब करने की मात्रा में कमी स्किन पर चपटे, लाल धब्बे दिख सकते हैं। क्या है इस बीमारी का इलाज इस बीमारी के इलाज में एंटीबायोटिक दवाएं काम करती हैं। रिपोर्ट्स हैं कि जब इस बीमारी के लक्षण न के बराबर होते हैं तब आपको डॉक्टर द्वारा दवाएं दे दी जाती हैं। लेकिन अगर किसी को इस बीमारी के गंभीर लक्षण महसूस हो रहे हैं तो उन्हें अस्पताल में भरती करके इलाज किया जाता है। लेप्टोस्पायरोसिस कितने समय तक रहता है लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण अगर माइल्ड हैं तो कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक इसके लक्षण रहते हैं। लेकिन अगर आपको गंभीर लेप्टोस्पायरोसिस है, तो आप लगभग दो हफ्ते तक अस्पताल में रह सकते हैं। गंभीर लेप्टोस्पायरोसिस से पूरी तरह ठीक होने में कई महीने लग सकते हैं। कितनी गंभीर है ये समस्या लेप्टोस्पायरोसिस एक बैक्टीरियल डिजीज है जिसका इलाज न किए जाने पर कई समस्याएं हो सकती हैं। जिसमें किडनी डैमेज, मेनिनजाइटिस, लीवर फेलियर, सांस की समस्या, पीलिया, ब्लीडिंग शामिल है।
पंजाब : (मानवी मीडिया) मुख्यमंत्री लेप्टोस्पायरोसिस का शिकार हो गए हैं। बुखार की शिकायत होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इस समस्या का पता चला। लेप्टोस्पायरोसिस, लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया के कारण होता है। इस बीमारी का इलाज अगर समय पर न कराया जाए तो लोगों को लिवर या किडनी डैमेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आइए, जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी डिटेल्स- क्या है लेप्टोस्पायरोसिस लेप्टोस्पायरोसिस लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी है। ये समस्या आपकी नाक, मुंह, आंखों में दूषित पानी या मिट्टी जाने पर हो सकती है। इसके होने पर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण कुछ लोगों में लेप्टोस्पायरोसिस के फ्लू जैसे लक्षण होते हैं और कुछ में कोई लक्षण नहीं होता है। इसके कुछ लक्षणों में तेज बुखार, लाल आंखें, सिरदर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, पीली स्किन या आंखें शामिल हैं। इस बीमारी के गंभीर लक्षण तीन से 10 दिन बाद दिखाई देना शुरू हो सकते हैं। इनमें खांसी के साथ खून आना, छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, आपकी त्वचा या आंखों का पीलापन, पेशाब में खून, पेशाब करने की मात्रा में कमी स्किन पर चपटे, लाल धब्बे दिख सकते हैं। क्या है इस बीमारी का इलाज इस बीमारी के इलाज में एंटीबायोटिक दवाएं काम करती हैं। रिपोर्ट्स हैं कि जब इस बीमारी के लक्षण न के बराबर होते हैं तब आपको डॉक्टर द्वारा दवाएं दे दी जाती हैं। लेकिन अगर किसी को इस बीमारी के गंभीर लक्षण महसूस हो रहे हैं तो उन्हें अस्पताल में भरती करके इलाज किया जाता है। लेप्टोस्पायरोसिस कितने समय तक रहता है लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण अगर माइल्ड हैं तो कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक इसके लक्षण रहते हैं। लेकिन अगर आपको गंभीर लेप्टोस्पायरोसिस है, तो आप लगभग दो हफ्ते तक अस्पताल में रह सकते हैं। गंभीर लेप्टोस्पायरोसिस से पूरी तरह ठीक होने में कई महीने लग सकते हैं। कितनी गंभीर है ये समस्या लेप्टोस्पायरोसिस एक बैक्टीरियल डिजीज है जिसका इलाज न किए जाने पर कई समस्याएं हो सकती हैं। जिसमें किडनी डैमेज, मेनिनजाइटिस, लीवर फेलियर, सांस की समस्या, पीलिया, ब्लीडिंग शामिल है।