*इस्कॉन का एक नियम है कि एक मंदिर का चढ़ावा कभी दूसरे मंदिर में नहीं जाता। विदेश में भेजने की तो बात ही क्या भारत के भी एक मंदिर का पैसा दूसरे मंदिर में नहीं जा सकता, इसके विषय में संस्था ने समस्त प्रमाण पत्र आदि कोर्ट में पेश भी कीए है। बल्कि भारत में मायापुर में बन रहे चंद्रोदय मंदिर के निर्माण के लिए विदेशों से 500 करोड़ से भी अधिक धनराशि आई है जो भारत की गरिमा को बढ़ाएगी।*
लखनऊ (मानवी मीडिया) इस्कॉन संस्था अमेरिकी या विदेशी नहीं है!इसके संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद जी भारत की भूमि से थे एवं बड़े-बड़े राजनेताओं ने उनका अभिनंदन किया। समस्त विश्व में राधा कृष्ण की भक्ति एवं श्रीमद् भागवत गीता का व्यापक रूप से प्रचार करना इस संस्था का मुख्य उद्देश्य है। इस्कॉन का पैसा दान के रूप में जो भी आता है वह संस्था के अंतर्गत गरीबों को भोजन बांटने, गौशालाओं का निर्माण करने गुरुकुलों की स्थापना करने, भगवान की सुंदर सेवा करने एवं अन्य शैक्षिक कार्य करने में व्यय होता है।*