उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने आज दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित यह पद संभाल चुकी हैं। आपको बता दें कि आतिशी दक्षिण दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक हैं। आतिशी के साथ उनकी कैबिनेट के पांच मंत्रियों ने भी शपथ ली। इन मंत्रियों के नाम गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और नया चेहरा मुकेश अहलावत हैं। राज्यपाल ने सबसे पहले मुख्यमंत्री आतिशी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद एक-एक कर कैबिनेट के अन्य मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की। कैबिनेट मंत्रियों में सबसे पहले मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शपथ ग्रहण की उसके बाद पार्टी के वरिष्ठ मंत्री गोपाल राय ने और इसके बाद एक-एक कर कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, मुकेश अहलावत ने शपथ ग्रहण की। कैबिनेट में शामिल मंत्रियों में कालकाजी से विधायक आतिशी, सुल्तानपुर माजरा से मुकेश अहलावत, नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत, ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज, बल्लीमारान से इमाम हुसैन और बाबरपुर से विधायक गोपाल राय हैं।
पार्टी का नया दलित चेहरा मुकेश अहलावत मुकेश अहलावत आतिशी सरकार में मंत्री बनने वाले नए चेहरे हैं। इससे पहले की केजरीवाल सरकार में वो कैबिनेट का हिस्सा नहीं थे। मुकेश दिल्ली की सुल्तानपुर माजरा सीट से विधायक हैं। ये पार्टी का दलित चेहरा हैं। इसलिए जानकारों का मानना है कि पार्टी ने दलित वोटरों को साधने के लिए मुकेश अहलावत पर दांव लगाया है, क्योंकि पार्टी के दो बड़े दलित चेहरे राजकुमार आनंद और राजेंद्र पाल गौतम इस्तीफा दे चुके हैं। इसलिए पार्टी में दलितों का समर्थन जुटाने के लिए कोई चेहरा नहीं था। इसी के साथ कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें सामाजिक न्याय विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
केजरीवाल की उत्तराधिकारी और सीएम चेहरा आतिशी आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। वे कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक हैं। दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद दिए इस्तीफा के बाद उन्हें केजरीवाल कैबिनेट का हिस्सा बनाया गया था। इसके बाद उन्हें तमाम विभाग सौंपे गए थे। इनमें महिला और बाल विकास मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय,पर्यटन मंत्रालय,कला संस्कृति और भाषा मंत्रालय, लोक निर्माण विभाग तथा बिजली मंत्रालय शामिल थे। आपको बता दें कि आतिशी अगर सब कुछ सामान्य रहा और फरवरी तक सीएम पद की कमान संभाली तो वो सुषमा स्वराज के रिकॉर्ड को तोड़कर दूसरी सबसे ज्यादा लंबे समय तक दिल्ली की कमान संभालने वाली सीएम बन जाएंगी।
इस्तीफे के बाद आतिशी ने किया था सरकार बनाने का दावा दो दिन बाद इस्तीफा देने की घोषणा के बाद केजरीवाल ने बीते मंगलवार को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसी के साथ आतिशी ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना के समक्ष दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के तौर पर सरकार चलाने का दावा भी पेश किया था। इसके बाद राष्ट्रपति के समक्ष दोनों मामले पहुंचे तो केजरीवाल का इस्तीफा मंजूर होते ही आतिशी को शपथ गृहण का तारीख मिल गई थी। इसके बाद आज 21 सितंबर को आतिशी ने अपने पांच मंत्रियों संग शपथ गृहण कर ली है। क्या आतिशी तोड़ेंगीं सुषमा स्वराज का रिकॉर्ड ! दिल्ली में विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी में होने हैं। अगर सब कुछ सही रहा और आतिशी ने अगली फरवरी तक दिल्ली की कमान मुख्यमंत्री के तौर पर संभाली तो वह दिल्ली की पूर्व मुख्यत्री सुषमा स्वराज का रिकॉर्ड तोड़ देंगी। दरअसल सुषमा स्वराज 12 अक्टूबर 1998 से लेकर 3 दिसंबर 1998 तक मात्र 52 दिनों के लिए दिल्ली की सीएम रही थीं। वहीं फरवरी तक कार्यकाल पूरा करने की स्थिति में आतिशी करीब 5 महीने दिल्ली की सीएम रहेंगीं। इससे वह सुषमा स्वराज से ज्यादा दिनों तक दिल्ली की सीएम रहने का रिकॉर्ड दर्ज करेंगी।
सिसोदिया के जेल जाने के बाद मंत्रिमंडल में हुई थी एंट्री केजरीवाल सरकार में पटपड़गंज सीट से विधायक मनीष सिसोदिया दिल्ली के उपमुख्यमंत्री थे। उनके पास सरकार के कुल 33 विभागों में से 18 विभागों की जिम्मेदारी थी, लेकिन उनके पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और जेल जाने के कारण अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। पार्टी ने उनके खाली स्थान को आतिशी से भर दिया, यानि आतिशी मंत्रीमंडल का हिस्सा बन गईं। इसीके साथ उन्हें तमाम विभागों की कमान भी सौंपी गई। उनके पास महिला और बाल विकास मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय,पर्यटन मंत्रालय,कला संस्कृति और भाषा मंत्रालय, लोक निर्माण विभाग तथा बिजली मंत्रालय थे। आतिशी के लक्ष्य पर विपक्षी पार्टियों ने किया जमकर घेराव केजरीवाल के उत्तराधिकारी के तौर पर नाम सामने आते ही आतिशी ने बड़ा बयान दिया था। इस पर विपक्षी पार्टियों ने उनकी आलोचनाएं भी की थीं। आतिशी का नाम सीएम पद के तौर पर सामने आया तो आतिशी ने केजरीवाल को अपना गुरू और नेता बताया। इसके बाद उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य केजरीवाल को दुबारा सीएम बनाना है। इसके बाद से ही विपक्षी पार्टी बीजेपी की तरफ से तमाम बयान आए थे, जिनमें उन्हें डमी सीएम और पपेट सीएम जैसे नाम दिए गए थे।