उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्राम्य विकास विभाग में सभी खाली पदों को भरने की प्रभावी कार्यवाही की जाय। खण्ड विकास अधिकारियों के पदों पर पदोन्नति हेतु डीपीसी करायी गयी है, और शीघ्र ही 100 से अधिक खण्ड विकास अधिकारी विभाग में बढ़ जायेंगे। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि विभाग में भर्ती में आरक्षण के नियमों का अक्षरशः पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाए।सभी पदों की सूची उपलब्ध करायी जाय।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पदों का अधियाचन भेजा जाना अभी बाकी हो , उनका अधियाचन भी तत्काल भेजा जाय। इसमें कहीं किन्हीं औपचारिकताओं को पूर्ण किया जाना बाकी हो या कहीं कोई अड़चन हो, तो सम्बन्धित अधिकारी आपस में समन्वय कर समाधान सुनिश्चित करें। केशव प्रसाद मौर्य मंगलवार को अपने कैम्प कार्यालय 7-कालिदास मार्ग पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बताया गया कि लगभग 2500 पद ग्राम विकास अधिकारी के भी भरे जाने हैं, इसकी नियमावली से सम्बंधित प्रक्रिया चल रही है, उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इसके बारे में भी जो परामर्श व सहमति अन्य विभागों से लेना है,उन सभी बिंदुओं का समाधान कराते हुए भर्ती की प्रक्रिया नियमानुसार किया जाना सुनिश्चित किया जाय निर्देश दिए कि बृहद स्तर पर की जाने वाली चौपालों के आयोजन की प्रभावी व ठोस रणनीति बनायी जाय। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक बसावटों को पीएमजीएसवाई की सड़कों से जोड़ने हेतु भारत सरकार को प्रपोजल भेजा जाय और इस योजना की सभी सड़कें एफ डी आर तकनीक पर ही बनायी जांय।
एफडीआर तकनीक से बनायी गयी सड़कों में बचत की धनराशि का ब्यौरा देते हुए उसके सापेक्ष यूपी के लिए धनराशि आवंटन के प्रपोजल भेजने का कार्यवाही की जाय। कहा कि सड़कें निर्धारित मानकों के अनुरूप ही बने और गुणवत्तापूर्ण बने। अन्य विभागों से समन्वय कर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा अधिक से अधिक कार्य कराने का प्रयास किया जाय। कहा कि पीएमजीएसवाई की सड़कों के निर्माण में अगर किसानों की जमीन ली जानी हो, तो उसका मुआवजा देने हेतु भी प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए। कहा कि विकास कार्य धरातल पर स्पष्ट रूप से नजर आने चाहिए। निर्देश दिए कि 25 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक गांवों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। कहा कि अधिक से अधिक टी एच आर प्लान्टो को सोलर एनर्जी प्लान्टो से जोड़ने की कार्यवाही कर उन्हें अनुदान दिलाने की कार्यवाही की जाय। कहा कि नवरात्रि, दीपावली, दशहरा आदि त्यौहारों के दृष्टिगत समूहों की दीदियों के माध्यम से गिफ्ट हैम्पर बनवाने की कार्यवाही की जाय। समूहों के उत्पादों की पैकेजिंग, गुणवत्ता व विपणन के लिए प्रभावी कदम उठाए जांय तथा समूहों द्वारा आपूर्ति की जाने वाली सामग्री का भुगतान समय कराया जाय।
उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग के क्रियाकलापों व गतिविधियों को विकेंद्रीकृत करने का कार्य किया जाय। ग्राम्य विकास संस्थानों में उनकी क्षमता के अनुरूप प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था की जाय। अधिकारियों को अधिकार दिए जाने के साथ ही उनकी जिम्मेदारी भी फिक्स की जाय। विभाग में प्राप्त आईजीआरएस के प्रकरणों के निस्तारण में भी अच्छा कार्य हुआ है और प्रकरणों के निस्तारण में ग्राम्य विकास विभाग पांचवें स्थान पर है। कहा कि अमृत सरोवरों की देखरेख व सौन्दर्यीकरण पर विशेष फोकस किया जाय।उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास विभाग के बजट का समय से सदुपयोग किया जाना सुनिश्चित किया जाए। लगातार समीक्षा व अनुश्रवण किया जाए। विकास कार्यों की जमीनी हकीकत परखने के लिए नियमित रूप से निरीक्षण किये जांय और प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। कहा कि विकास कार्य धरातल पर स्पष्ट रूप से नजर आने चाहिए।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास विभाग की उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार किया जाए।सीएम डैस बोर्ड में विभाग के निर्धारित बिन्दुओं पर रिपोर्ट अपडेट रखी जाय। कहा कि समूहों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने, उनकी बिक्री कराने के लिए उचित प्लेटफार्म दिलाने के प्रभावी प्रयास किये जांय तथा समूहों के उत्पादों के सर्टिफिकेशन का भी प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा विभागीय कार्यों की प्रगति रिपोर्ट समय से उपलब्ध करायी जाय, इसके लिए जिम्मेदारी फिक्स की जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि मनरेगा के भुगतान समय से किये जाने की कार्यवाही की जाय,। मनरेगा के श्रमिकों की मजदूरी व निर्माण सामग्री के समय से भुगतान होने चाहिए। निर्देश दिए कि मनरेगा श्रमिकों व समूहों की दीदियों को नियमानुसार विश्वकर्मा योजना का लाभ दिलाने की कार्यवाही की जाय। ग्राम्य विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के की समीक्षा करते हुए कहा कि अमृत सरोवरों व अमृत वाटिकाओं का खण्ड विकास अधिकारी व अन्य ग्राम स्तरीय कर्मचारी नियमित निरीक्षण करें। उन्हें ग्रामीणो के लिए उपयोगी बनाये जाने के लिए प्रभावी प्रयास किये जाय।