सीएम योगी अटल आवासीय विद्यालयों के द्वितीय शैक्षणिक सत्र का शुभारम्भ किया - मानवी मीडिया

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Thursday, September 12, 2024

सीएम योगी अटल आवासीय विद्यालयों के द्वितीय शैक्षणिक सत्र का शुभारम्भ किया


उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर-कमलों द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों, कोविड काल में निराश्रित हुए बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के पात्र बच्चों के शैक्षिक उत्थान तथा व्यक्तित्व विकास के लिए श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी के अवसर पर गत वर्ष प्रदेश के 18 मण्डलीय मुख्यालयों पर अटल आवासीय विद्यालय प्रारम्भ किए गए। इन विद्यालयों में निःशुल्क विश्वस्तरीय आवासीय सुविधायुक्त शिक्षा की व्यवस्था की गयी है, जिससे विद्यार्थी समाज की मुख्यधारा से जुड़कर स्वयं सक्षम तथा देश के जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

मुख्यमंत्री  आज यहां अटल आवासीय विद्यालय सिठौली कला, मोहनलालगंज में अटल आवासीय विद्यालयों के द्वितीय शैक्षणिक सत्र (2024-25) का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार एवं प्रवेशित विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री व स्कूल बैग प्रदान किए। इसके पूर्व, उन्होंने विद्यालय के विद्यार्थियों से संवाद किया। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई शैक्षणिक क्रियाकलापों से सम्बन्धित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी कहते थे, कि अशिक्षा व अभाव का निडरतापूर्वक सामना करने वाले समाज को सुरक्षित व समृद्ध होने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती। अशिक्षा तथा अभाव समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं। अकर्मण्यता, गरीबी, अराजकता तथा भ्रष्टाचार से अभाव उत्पन्न होता है। भ्रष्टाचार व अभाव आदि जंगलराज, अव्यवस्था, असुरक्षा व असम्मान का कारण बनते हैं। समाज को सही दिशा तथा नेतृत्व न मिलने के कारण अशिक्षा जैसी बुराइयां तेजी के साथ फैलती हैं। जब समाज का बड़ा वर्ग इसकी चपेट में आता है तो गरीबी, भुखमरी आदि विकृतियां देखने को मिलती हैं। व्यक्ति और समाज को सुशिक्षित किए बिना सशक्त व समर्थ राष्ट्र तथा समाज की कल्पना नहीं की जा सकती।


मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल आवासीय विद्यालयों को शिक्षा की गुणवत्ता का मानक व स्कूली शिक्षा के इंटीग्रेटेड कैम्पस का माध्यम बनाने का कार्य किया गया है। देश व समाज के संसाधनों पर बिना भेदभाव के प्रत्येक तबके के बच्चों का अधिकार होना चाहिए। यह अटल आवासीय विद्यालय इन अधिकारों का एहसास दिलाने के लिए शिक्षा के मॉडल के रूप में सबके सामने प्रस्तुत किए गये हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व0 अटल ने अपने जीवन की चुनौतियों के व्यापक अनुभव को अपने शब्दों व काव्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। उन्हें जब सरकार में आने का अवसर प्राप्त हुआ, तो उन्होंने अपने कालखण्ड में समाज की बुराइयों से लड़ने के लिए व्यापक कार्य योजना को जमीनी धरातल पर उतारने का कार्य किया। यह हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री जी की संकल्पना के अनुरूप श्रद्धेय अटल जी की स्मृतियों को इन 18 अटल आवासीय विद्यालयों के माध्यम से जमीनी धरातल पर उतारने का कार्य किया गया।

एक साथ 18 मण्डलीय मुख्यालयों पर अटल आवासीय विद्यालय संचालित हो चुके हैं, इनमें लखनऊ, सहारनपुर, मेरठ, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, आगरा, कानपुर, झांसी, बांदा, प्रयागराज, मीरजापुर, वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या आदि सम्मिलित हैं। इनमें मेरठ का विद्यालय बुलन्दशहर तथा झांसी का विद्यालय ललितपुर में संचालित किया जा रहा है। मुरादाबाद के बच्चे बुलन्दशहर तथा बरेली के बच्चे लखनऊ अटल आवासीय विद्यालय में भी अध्ययन कर रहे हैं। वह सभी अगले सत्र में अपने विद्यालयों में जाएंगे। मुरादाबाद तथा बरेली में अटल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां उन्होंने विद्यालय के बच्चों के साथ औपचारिक संवाद कर उनकी उत्कृष्ट प्रतिभा का अनुभव किया। प्रतिभा जाति, मत, मजहब, सम्प्रदाय आदि की बन्धक नहीं होती। यह कहीं भी पैदा हो सकती है। इसको उचित मंच व अवसर प्रदान करना आवश्यक है। सरकार का यही दायित्व होना चाहिए। आज आपने इन अटल आवासीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में देखा। प्रदेश में वर्ष 2017 से पूर्व गरीब तथा निराश्रित बच्चों के बारे में कोई नहीं सोचता था। अराजकता का माहौल था। समाज को बांटने का काम किया जाता था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों तथा वंचितों के बच्चों के लिए अगले सत्र से बिना भेदभाव के डे-स्कूल की व्यवस्था की गई है। 57 अन्य जनपदों में मुख्यमंत्री माॅडल कम्पोजिट विद्यालय के निर्माण के लिए बेसिक शिक्षा परिषद को धनराशि प्रदान की जा चुकी है। यह सभी डे-स्कूल होंगे। इन विद्यालयों में बाल वाटिका का निर्माण भी किया जाएगा। इसमें 03 से 05 वर्ष आयु तक के बच्चे को प्रवेश देकर नई पीढ़ी को इन विद्यालयों से जोड़ने का कार्य किया जाएगा, ताकि वह भी अपने भावी विद्यालय को देख सकें। उन्हें मुख्यमंत्री माॅडल कम्पोजिट विद्यालय के रूप में स्थापित किया जाएगा। तीसरे चरण में प्रदेश की सभी 350 तहसीलों में ऐसे विद्यालय बनाने की व्यवस्था की जाएगी। चैथे चरण में 825 विकास खण्डों में इस प्रकार के विद्यालय बनेंगे। हम इन विद्यालयों को पांचवें चरण में न्याय पंचायत स्तर तक ले जाएंगे। तब 2,000 ऐसे विद्यालय प्रदेश में दिखाई देंगे जो बच्चों को उत्तम शिक्षा देने के माध्यम बनेंगे।

इन विद्यालयों के बनने के बाद किसी भी गरीब का बच्चा उत्तम क्वाॅलिटी की शिक्षा से वंचित नहीं रहने पाएगा। यह अटल आवासीय विद्यालय कक्षा 06 से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए हैं। इनमें कम्प्यूटर, स्किल डेवलपमेन्ट, खेलकूद की गतिविधियों तथा कला-संगीत की जानकारी दी जा रही है। विद्यालयों में खेल गतिविधियों के साथ-साथ हेल्थ चेकअप की भी व्यवस्था की गई है। 


इसके अंतर्गत बच्चों का नियमित हेल्थ चेकअप किया जाएगा। जब बच्चे स्वस्थ होंगे, तभी स्वस्थ समाज का निर्माण करेंगे तथा अपनी बौद्धिक प्रतिभा का लाभ समाज को प्रदान कर पाएंगे। 
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि बच्चों को सर्वांगीण विकास की ओर ले जाने की आवश्यकता है। उनका शारीरिक व मानसिक विकास इस प्रकार किया जाना चाहिए ताकि वह बौद्धिक रूप से परिपक्व हो सकें। बच्चों की प्रतिभा को बिना भेदभाव के समाज के सामने लाने की आवश्यकता है। उन्हें शैक्षिक, सामाजिक तथा व्यवहारिक शिक्षा प्रदान किए जाने की आवश्यकता है। राष्ट्र प्रत्येक बच्चे की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उनके मन में देश व समाज के प्रति सम्पूर्ण समर्पण का भाव होना चाहिए। यदि वह इस भाव के साथ कार्य करेंगे तो स्व0 अटल जी की परिकल्पना को साकार करने में सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमित दिनचर्या विद्यार्थियों के जीवन का हिस्सा बनायी जानी चाहिए। यदि आप बच्चों के साथ मेहनत करेंगे तथा उनके मन में व्याप्त संशय को दूर करेंगे तो उन्हें भविष्य के पथ पर तेजी से अग्रसर होने में सहायता मिलेगी। उनकी प्रतिभा निखर कर सामने आएगी। आपका प्रयास होना चाहिए कि वर्ष में दो बार बच्चों के अभिभावकों को बुलाकर संवाद करें, ताकि वह देख सकें कि उनके बच्चों के भविष्य का निर्माण कैसे किया जा रहा है। अभिभावक बाहर जाकर अन्य पात्र बच्चों को विद्यालय में प्रवेश लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकेंगे। विद्यालयों मंे मेरिट के आधार पर बच्चों का प्रवेश किया जाना चाहिए। अटल आवासीय विद्यालयों में वर्ष में एक बार खेलकूद तथा सांस्कृतिक गतिविधियों की विद्यालय तथा प्रदेश स्तर पर प्रतिस्पर्धा आयोजित की जानी चाहिए, ताकि वह सांस्कृतिक, शारीरिक, लेखन तथा गायन आदि गतिविधियों में पारंगत हो सकें। इन प्रतिस्पर्धाओं में सफलता प्राप्त करने वाले बच्चों को वार्षिक अधिवेशन अथवा अन्य अवसरों पर पुरस्कृत किया जाना चाहिए। बच्चों को देश दुनिया में घटित होने वाले परिदृश्य, राष्ट्रीय महापुरुषों तथा स्वतंत्रता के नायकों व क्रांतिकारियों के व्यक्तित्व, परम्परा व संस्कृति से अवगत कराया जाना चाहिए। यदि आप ऐसा करेंगे तो आप राष्ट्र के प्रति नागरिक कर्तव्य का पालन कर सकेंगे। हमारा दायित्व है कि वर्तमान पीढ़ी को इन सभी बातों के बारे में अवगत कराया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अनेक लोगों ने अटल आवासीय विद्यालयों के निर्माण में सहयोग की इच्छा व्यक्त की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्राविधानों को मजबूती के साथ लागू कर शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन द्वारा प्रधानमंत्री जी की वर्ष 2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में सफलता प्राप्त होगी। सपना साकार होगा।


मुख्यमंत्री ने विद्यालय प्रबन्धन को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक परिस्थिति में इन विद्यालयों में मण्डल स्तर पर रजिस्टर्ड श्रमिक तथा माता-पिता व अभिभावकों को खोने वाले निराश्रित बच्चों के लिए छठीं तथा नवीं कक्षा में प्रवेश हेतु लिखित प्रवेश परीक्षा 15 जून तक सम्पन्न करानी चाहिए। हर हाल में पहली जुलाई से 15 अगस्त के बीच किसी निश्चित तिथि पर अटल आवासीय विद्यालय का शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ हो जाना चाहिए। यह अगले वर्ष के शैक्षणिक कैलेंडर का हिस्सा बनना चाहिए। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब 25 करोड़ जनता एक साथ, एक दिशा तथा स्वर में प्रयास करती है तो इसके अच्छे परिणाम सामने आते हैं।  जैसा कि प्रधानमंत्री  के नेतृत्व में विगत साढ़े 07 वर्षों में प्रदेश ने करके दिखाया है। 

पहले उत्तर प्रदेश देश की सातवीं अर्थव्यवस्था थी। सामूहिक प्रयास से प्रदेश दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बनने में सफल हुआ है। यहां की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई है। मुख्यमंत्री ने विद्यालय के परिसर में पौधरोपण किया। कार्यक्रम में विभिन्न मण्डलों के अटल आवासीय विद्यालय वर्चुअल माध्यम से जुड़े। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। अटल आवासीय विद्यालय से सम्बन्धित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी।

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