लखनऊ, (मानवी मीडिया)राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ हवा दिवस के मौके पर शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में कार्यशाला आयोजित हुयी |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण एक तरफ तो पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है और दूसरी तरफ लोगों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है | इसी सब को ध्यान में रखते हुए यह दिवस आयोजित किया जा रहा है | वर्तमान और आगे आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए हमें आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है और सरकार द्वारा की जा रही पहल पर सहयोग करना है |
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. निशांत निर्वाण ने बताया कि इस साल इस दिवस की थीम है – अब स्वच्छ हवा में निवेश करें ("इन्वेस्ट इन क्लीन एयर नाउ") | इसका मतलब है कि इस पर तत्काल काम करने की जरूत है | वायु प्रदूषण के कारण ग्लोबल वार्मिंग, स्मॉग, अम्लीय वर्षा, खेती योग्य भूमि का क्षरण, जीवों का विलुप्तिकरण, और एतिहासिक भवनों का क्षरण हो रहा है | इसके साथ ही स्वास्थ्य पर जो नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है | वह है – आँखों में जलन, ह्रदय रोग, श्वसन रोग और त्वचा सम्बन्धी रोग | वायु प्रदूषण के प्रति उच्च जोखिम समूह हैं वह हैं श्वसन रोगी, ह्रदय रोगी, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे, गर्भवती और बुजुर्ग |जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी ने कहा कि वायु प्रदूषण से बचाव है कि सार्वजनिक परिहवन का प्रयोग करें, घुएं रहित ईंधन का प्रयोग करें, अधिक से अधिक पौधा लगायें, पटाखे, कूड़ा, पत्तियां और पराली न जलाएं | इसके साथ ही घरों की खिडकियां दरवाजे सुबह शाम बंद रखें |
इस मौके पर जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु प्रताप, गैर संचारी रोग सेल से सत्येंद्र , अजीम अब्बास, चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों एवं बीपीएम मौजूद रहे |