हरियाणा : (मानवी मीडिया) हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से बगावत करते हुए देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने निर्दलीय पर्चा भर दिया। 74 वर्षीय सावित्री जिंदल ने हरियाणा की हिसार विधानसभा सीट से पर्चा भरा है। दरअसल भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक और मंत्री कमल गुप्ता को 5 अक्टूबर को होने वाले चुनावों के लिए हिसार से प्रत्याशी बनाया है। इसी बीच, देश की सबसे अमीर महिला और ओपी जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल ने गुरुवार को उसी निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। सावित्री जिंदल देश की जानी-मानी उद्योगपति हैं, और उनके बेटे नवीन जिंदल वर्तमान में कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद हैं।इसी साल हुए लोकसभा चुनावों से ठीक पहले, 24 मार्च को, नवीन जिंदल ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा ने उन्हें तुरंत कुरुक्षेत्र सीट से मैदान में उतारा, जिससे वह पहले भी दो बार सांसद रहे थे। इसके कुछ दिन बाद ही, सावित्री जिंदल ने भी हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में हिसार में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। कभी भाजपा ज्वाइन नहीं की? सावित्री जिंदल हिसार से भाजपा उम्मीदवार मानी जा रही थीं। लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। पार्टी टिकट से नजरअंदाज किए जाने के बाद सावित्री जिंदल ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया। पिछले दिनों उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह कभी भी आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल नहीं हुईं। हालांकि 28 मार्च 2024 को खुद सावित्री जिंदल ने एक्स पर एक पोस्ट में भाजपा ज्वाइन करने की बात कही थी।
सावित्री जिंदल ने अपनी तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था, "माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व, गृहमंत्री श्री अमित शाह जी, डॉ जे.पी. नड्डा जी के मार्गदर्शन और पूर्व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी एवं मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी जी की अगुवाई में मुझे और मेरी पूरी टीम को आदर और सम्मान के साथ भारतीय जनता पार्टी व मोदी परिवार का सदस्य बनाया गया, जिसके लिए मैं पार्टी नेतृत्व की बहुत आभारी हूं। मैं हरियाणा और हिसार के पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का भी धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने हमें इतना सम्मान दिया। हम सब मिलकर मोदी जी के “विकसित भारत” के सपने साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
हिसार में जिंदल परिवार का दबदबा इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के दिनों में कांग्रेस की पूर्व विधायक और मंत्री सावित्री जिंदल ने संकेत दिया था कि वह हिसार से आगामी चुनाव लड़ेंगी, जहां उनके परिवार का कई दशकों से दबदबा रहा है। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया और आखिरी दिन नामांकन दाखिल किया। सावित्री के पति और जिंदल समूह के संस्थापक ओम प्रकाश जिंदल ने तीन विधानसभा चुनावों (1991, 2000 और 2005) में हिसार से जीत हासिल की थी। वे भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री भी थे, जब 2005 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी।
पति की मौत के बाद सावित्री राजनीति में शामिल हो गईं। 2005 में उन्होंने हिसार से उपचुनाव जीता और हुड्डा सरकार में मंत्री बनीं। 2009 के चुनाव में उन्होंने फिर से हिसार सीट जीती और 2013 में हुड्डा सरकार में फिर से मंत्री बनीं। हालांकि, 2014 में वह हिसार से चुनाव हार गईं और 2019 का चुनाव नहीं लड़ा। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सावित्री ने अपने बेटे नवीन के लिए कुरुक्षेत्र में प्रचार किया। उन्होंने हिसार लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला के लिए भी प्रचार किया। उनके समर्थक आगामी चुनावों में हिसार विधानसभा सीट से उनके लिए पार्टी टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने इस सीट से दो बार विधायक रहे और सैनी कैबिनेट में मंत्री कमल गुप्ता को फिर से मैदान में उतारना पसंद किया।
मुझे उनकी इच्छा का पालन करना होगा- सावित्री जिंदल इससे सावित्री के समर्थक नाराज हो गए, जो पिछले गुरुवार को हिसार के जिंदल हाउस में उन्हें चुनाव मैदान में उतारने के लिए इकट्ठा हुए थे। उनसे मिलने के बाद सावित्री ने कहा, "हिसार जो मेरा परिवार है, कह रहा है कि चुनाव लड़ना ही होगा। मुझे उनकी इच्छा का पालन करना होगा। मैं 'ना' नहीं कह सकती। उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मैं निश्चित रूप से चुनाव लड़ूंगी।" उन्होंने यह भी कहा: "मैं पिछले 20 सालों से जनता की सेवा करने के लिए उनके बीच रही हूं। मुझे जनता की सेवा करने का एक मौका मिलना चाहिए। वैसे भी यह मेरा आखिरी चुनाव है। मैं हिसार की जनता के अधूरे कामों को पूरा करना चाहती हूं।"