नमाज के चक्कर में गंवाई नौकरी , शिक्षा मंत्री की चेतावनी को अनसुना करना पड़ा महंगा - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Thursday, September 26, 2024

नमाज के चक्कर में गंवाई नौकरी , शिक्षा मंत्री की चेतावनी को अनसुना करना पड़ा महंगा


अजमेर : (मानवी मीडियाराजस्थान के अजमेर जिले के नजदीक ब्यावर जिले के एक सरकारी स्कूल में नमाज पढ़ने के आरोप में 2 टीचरों पर कार्रवाई की गई है। टीचर आसमा परवीन को सस्पेंड कर दिया गया और दूसरी टीचर शगुफ्ता बानो पर कार्रवाई के लिए निदेशक कार्यालय भेज दिया गया है। मामला ब्यावर खास सीनियर सेकेंडरी स्कूल का है। आरोप है कि दोनों शिक्षिकाएं स्कूल परिसर में ही नमाज पढ़ती थीं।

स्कूलों में बच्चों को भी नमाज पढ़ने के लिए उकसाने का आरोप

ब्यावर के जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले लंबे समय से ब्यावर खास स्कूल में दो शिक्षिकाएं स्कूल में स्टूडेंट्स को नमाज पढ़ने के लिए उकसाती थीं। इसकी शिकायत भी शिक्षा विभाग को मिली थी। जांच के बाद आरोप सही पाया गया। इस वजह से शिक्षिका आसमा परवीन को सस्पेंड कर दिया गया। जबकि दूसरी शिक्षिका शगुफ्ता सेकंड ग्रेड में होने की वजह से अपने स्तर पर सस्पेंड नहीं किया जा सकता था। शगुफ्ता पर कार्रवाई के लिए संस्तुती लेटर संयुक्त निदेशक कार्यालय को भेजा गया है।

कई बार हिदायत के बाद भी नहीं बाज आ रहीं थीं दोनों शिक्षिकाएं

दोनों शिक्षिकाओं को कई बार स्कूल प्रशासन ने भी हिदायत दी थी, इसके बाद भी दोनों शिक्षिकाओं पर कोई असर नहीं पड़ा। स्कूल प्रशासन और गांव वालों ने इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की। जिला शिक्षा अधिकारी अजय कुमार गुप्ता ने एक जांच कमेटी बनाकर अतीत मंड स्कूल की प्रिंसपल विमल चौहान और गणेशपुरा स्कूल के प्रधानाचार्य सुनील व्यास को जांच के आदेश दिए थे। जांच में दोनों ही शिक्षिकाओं ने स्कूल परिसर में नमाज पढ़ने की पुष्टि हो गई।

नमाज या पूजा के नाम पर स्कूल बंक करने वालों पर है कार्रवाई का निर्देश

उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक बयान दिया था कि टीचर स्कूल छोड़कर नमाज पढ़ने नहीं जा सकते। उन्होंने कहा था कि नमाज या पूजा के नाम पर स्कूल से गायब होने वाले शिक्षकों भी लगाम कस दिया है। नमाज और पूजा.पाठ के नाम पर स्कूल छोड़कर जाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा था कि कोई शिक्षक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होना चाहता है तो वह छुट्टी लेकर जा सकता है।

Post Top Ad