न्यूयार्क : (मानवी मीडिया) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय अमेरकी दौरे पर हैं। यहां उनके कई कार्यक्रम प्रस्तावित रहे। सबसे पहले उन्होंने अमेरिका के विलमिंगटन में क्वाड लीडर शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने न्यूर्याक में यूएन महासभा में भविष्य के शिखर सम्मेलन नामक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस सत्र में दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने भी शिरकत किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने तमाम देशों के प्रमुखों से द्विपक्षीय वार्ता की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में भविष्य के शिखर सम्मेलन के मौके पर रविवार को फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गाजा में मानवीय संकट समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने वार्ता में गाजा में मानवीय संकट और क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और फिलिस्तीन के लोगों को निरंतर मानवीय सहायता सहित भारत के अटूट समर्थन की पुष्टि की। प्रधानमंत्री ने इसराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की समय-परीक्षित सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया और युद्ध विराम, बंधकों की रिहाई और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया।
न्यूयार्क : (मानवी मीडिया) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय अमेरकी दौरे पर हैं। यहां उनके कई कार्यक्रम प्रस्तावित रहे। सबसे पहले उन्होंने अमेरिका के विलमिंगटन में क्वाड लीडर शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने न्यूर्याक में यूएन महासभा में भविष्य के शिखर सम्मेलन नामक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस सत्र में दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने भी शिरकत किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने तमाम देशों के प्रमुखों से द्विपक्षीय वार्ता की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में भविष्य के शिखर सम्मेलन के मौके पर रविवार को फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गाजा में मानवीय संकट समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने वार्ता में गाजा में मानवीय संकट और क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और फिलिस्तीन के लोगों को निरंतर मानवीय सहायता सहित भारत के अटूट समर्थन की पुष्टि की। प्रधानमंत्री ने इसराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की समय-परीक्षित सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया और युद्ध विराम, बंधकों की रिहाई और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया।