लखनऊ : (मानवी मीडिया) भाषा विश्वविद्यालय में संस्कृत भारती अवध प्रांत के संयुक्त तत्वाधान में माननीय कुलपति प्रो. एन.बी. सिंह के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में एक कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को हुआ। ’संस्कृत भाषा का उन्नयन एवं संभाषण’ शीर्षक पर आयोजित कार्यशाला की समन्वयक डॉ. नलिनी मिश्रा तथा संयोजक डॉ नीरज शुक्ल रहे। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित श्रीदेव पुजारी, अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख संस्कृत भारती ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा का भारत की भाषा तथा संस्कृति से जुड़ाव प्राचीन काल से है।
उन्होंने बताया की संस्कृत भाषा के सार्वभौमिक स्वरूप एवं व्यापक ज्ञान को वर्तमान परिपेक्ष में चिंतन तथा अध्ययन करने की आवश्यकता है, जिससे संस्कृत में लिखे हुए साहित्य का वर्तमान में प्रयोग किया जा सके। उन्होंने बताया की संस्कृत भाषा में नए शब्द गढ़ने की अपार क्षमताएं हैं जिससे सभी भाषाएं लाभान्वित हो सकती हैं। संस्कृत भाषा के उन्नयन से देश विकास के पथ पर बढ़ेगा। कार्यक्रम में प्रमोद भालचंद्र पंडित, क्षेत्रीय संगठन मंत्री, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र, जितेंद्र प्रताप सिंह, संपर्क प्रमुख, संस्कृत भारती अवध प्रांत तथा शोभन लाल उकील, अध्यक्ष संस्कृत भारती अवध प्रांत की सक्रिय भूमिका रही।
माननीय कुलपति ने अपने उद्बोधन में कहा की संस्कृत भाषा में लिखे साहित्य को वर्तमान परिदृश्य में उपयोग किया जा सकता है जिससे शिक्षण अधिगम तथा अनुसंधान में लाभ मिलेगा। कार्यक्रम का सफल संचालन संयोजक डॉ. नीरज शुक्ल तथा धन्यवाद ज्ञापन समन्वयक डॉ. नलिनी मिश्रा ने दिया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय परिसर से शिक्षकों की भारी संख्या में प्रतिभागिता रही।