समारोह में तमिलनाडु से आये श्रद्धालुओं द्वारा मुख्यमंत्री की गरिमामयी उपस्थिति में स्वागत संगीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक के पूर्व महासचिव और राष्ट्रीय समिति के सदस्य राकेश भैय्या जोशी, विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पत राय , जनपद के प्रभारी मंत्री/कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही जी, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, महापौर अयोध्या महंत गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक अयोध्या वेद प्रकाश गुप्ता, विधायक रूदौली रामचंद्र यादव, विधायक बीकापुर डा0 अमित सिंह चैहान, जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, पूज्य संत अय्यर, गोपाली एवं अन्य संत महंत एवं पदाधिकारी गण मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के इस समारोह मेें उपस्थित भैया जोशी के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव रखने वाले पूरे देश से और खासतौर पर तमिलनाडु से पधारे हुए हमारे सभी सम्मानित अतिथिगण का हृदय से अभिनंदन व स्वागत करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामनाथास्वामी मंदिर की स्थापना को एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प को समृद्ध करने वाला प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम और तमिलनाडु का विशेष रिश्ता है ये हजारों वर्षों की परंपरा है, हजारों वर्ष पहले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जब श्रीलंका में माता सीता की खोज के लिए निकले थे तो तमिलनाडु के रामेश्वरम में सेतु बंधन के पश्चात अपने आराध्य भगवान शिव की अराधना की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण भारत एक है, इस संकल्प के साथ आध्यात्मिक चेतना बढ़ रही है। मौजूदा प्रयास भी इसमें एक कड़ी है। उन्होंने कहा कि हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के पीएम मोदी के कार्यक्रम को ही आगे बढ़ा रहे हैं जो यहां भी देखने को मिल रहा है। भारत उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरब से लेकर पश्चिम तक एक रहा है। हमारे शास्त्र व धर्मस्थल इस बात के प्रमाण हैं। सरकारें अलग अलग रही हों मगर भारत के संतों की परंपरा ने मजबूती प्रदान की है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से काशी तमिल संगम के महत्वपूर्ण दो संस्करण संपन्न हो चुके हैं काशी और तमिल दोनों एक दूसरे के साथ किस रूप में जुड़े हुए हैं इसके बारे में वहां से आये हुये पूज्य संतों, विद्वानों ने और तमिलनाडु से आये हुये अनेक ऐसे महानुभावों ने इस समंत को एक नई प्रकारता दी है और काशी के बाद आज अय्या जी के कारण अयोध्या धाम भी तमिलनाडु से जु़ड़ चुका है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए श्रीरामनाथस्वामी मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा का समारोह एक नई प्रेरणा व एक नई दिशा देने वाला हो सकता है और इससे प्रेरित होकर के हम सब फिर से एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने भारत की एकता व एकात्मकता के लिए इसी अभियान को एक नई गति दी है जो हजारों वर्ष पहले केरल से निकला एक सन्यासी भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना करके भारत की सांस्कृतिक भारत की आधारशिला रखते हैं। अय्यर जी ने भारत की एकात्मता के लिए वही कार्य कर रहे हैं जो तमिलनाडु से निकले एक संन्यासी ने सैंकड़ों वर्षों पहले पूरे सनातन धर्म को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया था। एक आध्यात्मिक संत भारत की एकता के लिए भारत की आध्यात्मिक उन्नयन के लिए किसी भी स्थल पर कहीं भी कोई बात है कि जिसके कारण कोई अधूरा पन दिख रहा है उसकी पूर्ति के लिए उनके द्वारा किये जा रहे प्रयास तुल्य है अभिनन्दीय है और इसके लिए मैं भैया जी जोशी का अभिनंदन करता हूं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम नाथ स्वामी मंदिर के भव्य कुंभाभिषेकम और जीर्णोद्धार समारोह के बाद कारसेवकपुरम में आयोजित सिंघल फाउंडेशन भारतात्मा अशोक सिंघल वेद पुरस्कार 2024 के कार्यक्रम में पहुंचे, जहां पर मुख्यमंत्री का फाउंडेशन के पदाधिकारियों द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया। उक्त अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री ने मंच पर उपस्थित सिंघल फाउंडेशन के अध्यक्ष न्यासी, अयोध्या धाम के सभी पूज्यगण, जगतगुरू रामानन्दाचार्य आदि उपस्थित संतों का अभिनन्दन किया गया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये अयोध्या श्रीरामनाथास्वामी मंदिर के कुम्भाभिषेकम व प्राण प्रतिष्ठा पर प्रकाश डालते हुये राम मंदिर आंदोलन से जुड़े श्रद्वेय सिंघल की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 22 जनवरी 2024 को जब आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से 500 वर्षो का इंतजार समाप्त करके पूज्य संतों का जो संकल्प था और श्रद्वेय अशोक की जो साधना थी रामचंद्र और उस मंदिर में प्रभु श्री रामलला का विराजमान होना यह पांच सौ सदी की सबसे उत्कृष्टतम घटनाओं में से एक ही उत्तम घटनाओं में से एक थी और आज उसी प्रकार के कार्यक्रम को एक नई कड़ी के रूप में अयोध्या धाम के साथ जोड़ा जा रहा है और अब भारत आत्मा श्रद्वेय अशोक जी की स्मृति को और भी जीवंत बनाए रखने के लिए वेद पुरस्कार 2024 का कार्यक्रम यहां पर संपन्न हुआ है मैं सबसे पहले जोड़ी के सदस्यों को उत्कृष्टम विद्यार्थी को उत्कृष्टतम शिक्षक को और उत्कृष्टतम संस्था को इस पुरस्कार प्राप्त होने पर प्रत्येक सनातन धर्मावलम्बी की ओर से पूज्य संतों की ओर से हृदय से बधाई देता हूं उनका अभिनंदन करता हूं।
उन्होंने कहा कि धर्म का कोई मूल है तो वह हमारा वेद है और वेद किस महत्व को किसी ने समझा था और किसी ने उसको अपने जीवन में अक्सर सह उतारने का कार्य किया था तो श्रद्धेय अशोक जी उसके एक प्रमुख मूर्तिमान नक्षत्र हम सबके सामने थे। भारत आत्म अशोक सिंघल पुरस्कार उत्कृष्टम वेद विद्यार्थी, उत्कृष्टम शिक्षक, उत्कृष्टम संस्था को प्राप्त हो रहा है और पहली बार अयोध्या धाम में यह पुरस्कार दिया जा रहा है और अयोध्या धाम में भी श्रद्धेय अशोक की क्रम साधना स्थली में दिया जा रहा है इससे उत्तम दूसरा स्थान हो ही नहीं सकता इस पुरस्कार के लिए जानता है कि वहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वहां से उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी और जब यह डिग्री दुर्लभ होती थी तब ली थी लेकिन जीवन उनका समर्पित था सनातन धर्म के लिए क्योंकि उनको मालूम था कि दुनिया का एक ही धर्म है वह सनातन धर्म। सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा और समृद्धि के पद पर अग्रसर होगा तो विश्व मानवता की कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा अगर सनातन धर्म खतरे में पड़ेगा तो विश्व मानवता का जीवन ही खतरे में पड़ जाएगा और इसलिए उन्होंने अपना पूरा जीवन पूरी तरह सनातन धर्म के लिए समर्पित किया था और उसका मध्य उन्होंने बनाया था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सेवक के रूप में एक प्रचारक के रूप में विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री के रूप में अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष के रूप में और राम जन्मभूमि आंदोलन अशोक सिंघल जी एक दूसरे के पूरक ही बन गए थे। सोते जागते उठते बैठते एक ही मूल्य एक ही मुद्दे के लिए कार्य करते थे कि जैसे भी हो हमें राम जन्मभूमि फिर से लेकर के रहना है और इसके लिए जो भी माध्यम हो सकते हैं और शांति का हो या क्रांति का सनातन धर्म को मजबूत मजबूती प्रदान करने के लिए वेद विद्यालयों की स्थापना हो या सुदूर जनजातीय क्षेत्रों में एकल विद्यालयों की स्थापना का कार्य हो पूज्य संतों का सानिध्य लेकर के हर मद पंथ संप्रदाय से जुड़े हुए उत्तर से दक्षिण पूरब से पश्चिम सभी पूज्य संतों को एक मंच पर लाने का कार्य हो या फिर अछूत्तर के लिए किए जाने वाले उनके तुल्य प्रयास इस हृदय अशोक जी जीवन पर्यंत करते रहे। वे कहते थे कि भारत की प्रतिष्ठा दो में हीं हो सकती है एक संस्कृत में और दूसरा हमारी सनातन संस्कृति यही संस्कृति यही भारत की आत्मा है और ही विश्व की आत्मा है और यह नाम पूज्य गोविंद देव गिरी जी ने जब दिया भारत आत्मा अशोक सिंघल तो मुझे लगता है इससे उत्तम कोई दूसरा नाम नहीं हो सकता था क्योंकि अशोक जी का पूरा जीवन भारत माता के लिए पूरा जीवन भारत माता के लिए समर्पित था। उन्होंने इसके लिए संघर्ष किया अपमान सहा लेकिन तनिक भी विचलित नहीं हुए अपने मूल्यों से अपने सिद्धांतों से पूज्य माता-पिता के द्वारा दिए गए संस्कार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पाठशाला में सिखे गए संस्कारों से तनिक भी विचलित हुये बिना रुके बिना झुके बिना डिगे निरंतर कार्य करते रहे और परिणाम है कि जब सच्ची साधना होती है तो परिणाम तो आएगा ही आएगा। वह भी हम लोगों ने देखा है प्रधानमंत्री के कर कमल से पांच सौ वर्षो का इंतजार समाप्त हुआ पूज्य संतों का संकल्प पूरा हुआ और अयोध्या में प्रभु श्री राम लला 500 वर्षों के बाद विराजमान हुए। आज श्रद्वेय अशोक; को स्मरण करने का एक अवसर है जब हम लोग इस अवसर पर सनातन धर्म के मूल्यों से जुड़े हुए उन सभी महान बिंदुओं की स्थापना के लिए निरंतर कार्य कर रहे थे। मुझे याद है एक सामान्य कार्यकर्ता गोरक्षक सुंदर यादव की आजमगढ़ में गौतस्करों ने हत्या कर दी थी। आंदोलन में स्थानीय स्तर का आंदोलन था तो मैं भी गोरखपुर से पहुंचा था मैं भौचक था कि मेरे पहुंचने के तुरंत बाद उस आंदोलन में स्वयं अशोक जी आए थे उसे गौ रक्षक के घर गए थे और उसके परिवार को संबल में दिया था और अपराधियों को फिर जेल के अंदर भेजने में उन्होंने उसे समय आंदोलन को एक नई गति देने का काम भी किया था। अनेक वेद विद्यालयों की स्थापना के लिए भी उनके द्वारा किए गए प्रयास एक नई प्रेरणा थी और अक्सर इसके बारे में चिंतन करते थे जब कभी एकांत में बैठे राम जन्मभूमि आंदोलन के अलावा किसी एक मुद्दे पर चर्चा होती थी तो फिर बोलते थे कि नहीं हमें यह काम करना है यह कार्यक्रम इस रूप में होगा अलग-अलग लोगों को अलग-अलग करने उनको रखना उनका नेतृत्व देने इन सभी कार्यक्रमों के साथ जुड़कर के अभियान को आगे बढ़ते थे और दूरदर्शिता तो वह जब सारे लोग बोलते थे लोग विरोधी लोग पूछते थे क्या अयोध्या में राम मंदिर बन पाएगा पूरी दृढ़ता के साथ अशोक सिंघल जी कहते थे कि अवश्य बनेगा और जब दूर-दूर तक कहीं कोई पता नहीं था तब उन्होंने राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का आर्डर भी दे दिया था यह है दूरदर्शिता। मैं सिंघल फाउण्डेशन का आभार व्यक्त करूंगा कि उन्होंने आज कार्यक्रम शिक्षक दिवस के रूप में आयोजित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक दिवस भी पूरे भारत को जोड़ता है और भारत के द्वितीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन एक लंबे समय तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की। भारतीय दर्शक पर उनकी जो पकड़ थी वह सनातन मूल्य के प्रति उनके मन में बात श्रद्धा थी। भारतीय दर्शन के वह ज्ञाता थे और उनके स्मृति में भारत 5 सितंबर की तिथि को शिक्षक दिवस के रूप में आयोजित करता है इतना अच्छा संजोग है शिक्षक दिवस में देश के द्वितीय राष्ट्रपति महान शिक्षाविद दार्शनिक सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन को हमें श्रवण कर रहे हैं और श्रद्वेय राधाकृष्णन जी भी तमिलनाडु से तमिलनाडु में ही उनका जन्म हुआ था और देश के स्वाधीनता के लिए भी उन्होंने बढ़-चढ़कर के भाग लिया था। उन्होंने अशोक सिंघल फाउंडेशन द्वारा जिन संस्थाओं को, जिन शिक्षकों को, जिन छात्रों को, जिन विद्यार्थियों को यह सम्मान प्राप्त हुआ उनके कठिन चयन की प्रक्रिया के साथ गुजरने के बाद भी आगे बढ़ाने तथा यह कार्य और अच्छे ढंग से आगे बढ़ने चाहिए। हम लोग इस बात को पूरी दृढ़ता के साथ कह सकते हैं कि दुनिया आज भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही है शांति के लिए सुरक्षा के लिए सौहार्द के लिए पूरी दुनिया के अंदर कहीं कोई घटना घटित होती है तो आज आशा भरी निगाहें भारत की ओर भारत के नेतृत्व की ओर होती है भारत की मजबूती के लिए भारत को सशक्त बनाने के लिए हम सबके प्रयास से उसी तरह से आगे बढ़ने चाहिए।
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर प्रभु रामलाल का विराजमान होना गुलामी के अंशु को सर्वथा समाप्त करने के अभियान को एक नई गति दे चुका है अब यह कभी ठगने वाला नहीं है न दिखेगी और यह न झुकेगा आगे बढ़ेगा मजबूती के साथ आगे बढ़ेगा लेकिन नागरिक कर्तव्य भी हमारे मन में इस श्रद्धा भाव के साथ जानना चाहिए अब अधिकारों की चिंता कम कर्तव्यों की ज्यादा हमें करनी होगी अपने देश के लिए अपने सनातन धर्म के लिए अपने कार्यक्षेत्र के लिए जो जिस कार्य क्षेत्र में कार्य कर रहा है उसमें भी उत्कृष्टतम कार्य करके दिखाएं कि हमारा प्रयास होना चाहिए और अगर हम कर पाएंगे तो सनातन धर्म की यही शिक्षा यही हमें अपने धर्म के प्रति अपने देश के प्रति यही कृतज्ञ करने का अवसर अपने कर्तव्यों के माध्यम से प्राप्त होगा आज के अवसर पर एक बार फिर से मैं विद्यार्थी उत्क्रमित शिक्षक वेद विद्यालय और चोरी के सभी सदस्यों को हृदय से बधाई और धन्यवाद देते हुए अशोक सिंगला फाउंडेशन को भी सर्व अशोक जी की स्मृति को एक पुरस्कार के माध्यम से वेद शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए उनके संकल्पना को आगे बढ़ाने के क्रम में किए गए प्रयास के लिए हृदय से धन्यवाद और अभिनंदन करते हुए अपनी वाणी को विराम देता हूं धन्यवाद जय हिंद जय जय श्री राम।
मुख्यमंत्री द्वारा सिंघल फाउण्डेशन के तहत भारतात्मा अशोक सिंघल पुरस्कार 2024 के तहत उत्कृष्ट वेदविद्यार्थी गुल्लपल्लि कार्तिकेय शर्म घनपाठी, वेदांग मन्दार शहरकर, नारायण लाल शर्मा, आदर्श वेदाध्यापक कुलपति आर0चन्द्रमौलि श्रौती, मन्दार नारायण शहरकार, ब्रहा्रश्री डा0 एस0 अनन्तनारायण गणपतिगल, उत्तम वेदविद्यालय द राजा वेद काव्य पाठशाला, आचार्य गोपालचन्द्र मिश्र वैदिक उन्नयन संस्थान, दत्तात्रेय वेदविद्या गुरूकुलम को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी महाराज व प्रभु श्रीरामलला का दर्शन पूजन किया गया। कार्यक्रम में महंत कमल नयन दास, स्वामी राम शरण दास, महंत अवधेश दास, जगत् गुरु दिनेशाचार्य व तमिलनाडु से आए संत, स्थानीय जनप्रतिनिधि व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के इस समारोह मेें उपस्थित भैया जोशी के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव रखने वाले पूरे देश से और खासतौर पर तमिलनाडु से पधारे हुए हमारे सभी सम्मानित अतिथिगण का हृदय से अभिनंदन व स्वागत करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामनाथास्वामी मंदिर की स्थापना को एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प को समृद्ध करने वाला प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम और तमिलनाडु का विशेष रिश्ता है ये हजारों वर्षों की परंपरा है, हजारों वर्ष पहले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जब श्रीलंका में माता सीता की खोज के लिए निकले थे तो तमिलनाडु के रामेश्वरम में सेतु बंधन के पश्चात अपने आराध्य भगवान शिव की अराधना की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण भारत एक है, इस संकल्प के साथ आध्यात्मिक चेतना बढ़ रही है। मौजूदा प्रयास भी इसमें एक कड़ी है। उन्होंने कहा कि हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के पीएम मोदी के कार्यक्रम को ही आगे बढ़ा रहे हैं जो यहां भी देखने को मिल रहा है। भारत उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरब से लेकर पश्चिम तक एक रहा है। हमारे शास्त्र व धर्मस्थल इस बात के प्रमाण हैं। सरकारें अलग अलग रही हों मगर भारत के संतों की परंपरा ने मजबूती प्रदान की है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से काशी तमिल संगम के महत्वपूर्ण दो संस्करण संपन्न हो चुके हैं काशी और तमिल दोनों एक दूसरे के साथ किस रूप में जुड़े हुए हैं इसके बारे में वहां से आये हुये पूज्य संतों, विद्वानों ने और तमिलनाडु से आये हुये अनेक ऐसे महानुभावों ने इस समंत को एक नई प्रकारता दी है और काशी के बाद आज अय्या जी के कारण अयोध्या धाम भी तमिलनाडु से जु़ड़ चुका है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए श्रीरामनाथस्वामी मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा का समारोह एक नई प्रेरणा व एक नई दिशा देने वाला हो सकता है और इससे प्रेरित होकर के हम सब फिर से एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने भारत की एकता व एकात्मकता के लिए इसी अभियान को एक नई गति दी है जो हजारों वर्ष पहले केरल से निकला एक सन्यासी भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना करके भारत की सांस्कृतिक भारत की आधारशिला रखते हैं। अय्यर जी ने भारत की एकात्मता के लिए वही कार्य कर रहे हैं जो तमिलनाडु से निकले एक संन्यासी ने सैंकड़ों वर्षों पहले पूरे सनातन धर्म को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया था। एक आध्यात्मिक संत भारत की एकता के लिए भारत की आध्यात्मिक उन्नयन के लिए किसी भी स्थल पर कहीं भी कोई बात है कि जिसके कारण कोई अधूरा पन दिख रहा है उसकी पूर्ति के लिए उनके द्वारा किये जा रहे प्रयास तुल्य है अभिनन्दीय है और इसके लिए मैं भैया जी जोशी का अभिनंदन करता हूं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम नाथ स्वामी मंदिर के भव्य कुंभाभिषेकम और जीर्णोद्धार समारोह के बाद कारसेवकपुरम में आयोजित सिंघल फाउंडेशन भारतात्मा अशोक सिंघल वेद पुरस्कार 2024 के कार्यक्रम में पहुंचे, जहां पर मुख्यमंत्री का फाउंडेशन के पदाधिकारियों द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया। उक्त अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री ने मंच पर उपस्थित सिंघल फाउंडेशन के अध्यक्ष न्यासी, अयोध्या धाम के सभी पूज्यगण, जगतगुरू रामानन्दाचार्य आदि उपस्थित संतों का अभिनन्दन किया गया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये अयोध्या श्रीरामनाथास्वामी मंदिर के कुम्भाभिषेकम व प्राण प्रतिष्ठा पर प्रकाश डालते हुये राम मंदिर आंदोलन से जुड़े श्रद्वेय सिंघल की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 22 जनवरी 2024 को जब आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से 500 वर्षो का इंतजार समाप्त करके पूज्य संतों का जो संकल्प था और श्रद्वेय अशोक की जो साधना थी रामचंद्र और उस मंदिर में प्रभु श्री रामलला का विराजमान होना यह पांच सौ सदी की सबसे उत्कृष्टतम घटनाओं में से एक ही उत्तम घटनाओं में से एक थी और आज उसी प्रकार के कार्यक्रम को एक नई कड़ी के रूप में अयोध्या धाम के साथ जोड़ा जा रहा है और अब भारत आत्मा श्रद्वेय अशोक जी की स्मृति को और भी जीवंत बनाए रखने के लिए वेद पुरस्कार 2024 का कार्यक्रम यहां पर संपन्न हुआ है मैं सबसे पहले जोड़ी के सदस्यों को उत्कृष्टम विद्यार्थी को उत्कृष्टतम शिक्षक को और उत्कृष्टतम संस्था को इस पुरस्कार प्राप्त होने पर प्रत्येक सनातन धर्मावलम्बी की ओर से पूज्य संतों की ओर से हृदय से बधाई देता हूं उनका अभिनंदन करता हूं।
उन्होंने कहा कि धर्म का कोई मूल है तो वह हमारा वेद है और वेद किस महत्व को किसी ने समझा था और किसी ने उसको अपने जीवन में अक्सर सह उतारने का कार्य किया था तो श्रद्धेय अशोक जी उसके एक प्रमुख मूर्तिमान नक्षत्र हम सबके सामने थे। भारत आत्म अशोक सिंघल पुरस्कार उत्कृष्टम वेद विद्यार्थी, उत्कृष्टम शिक्षक, उत्कृष्टम संस्था को प्राप्त हो रहा है और पहली बार अयोध्या धाम में यह पुरस्कार दिया जा रहा है और अयोध्या धाम में भी श्रद्धेय अशोक की क्रम साधना स्थली में दिया जा रहा है इससे उत्तम दूसरा स्थान हो ही नहीं सकता इस पुरस्कार के लिए जानता है कि वहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वहां से उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी और जब यह डिग्री दुर्लभ होती थी तब ली थी लेकिन जीवन उनका समर्पित था सनातन धर्म के लिए क्योंकि उनको मालूम था कि दुनिया का एक ही धर्म है वह सनातन धर्म। सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा और समृद्धि के पद पर अग्रसर होगा तो विश्व मानवता की कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा अगर सनातन धर्म खतरे में पड़ेगा तो विश्व मानवता का जीवन ही खतरे में पड़ जाएगा और इसलिए उन्होंने अपना पूरा जीवन पूरी तरह सनातन धर्म के लिए समर्पित किया था और उसका मध्य उन्होंने बनाया था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सेवक के रूप में एक प्रचारक के रूप में विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री के रूप में अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष के रूप में और राम जन्मभूमि आंदोलन अशोक सिंघल जी एक दूसरे के पूरक ही बन गए थे। सोते जागते उठते बैठते एक ही मूल्य एक ही मुद्दे के लिए कार्य करते थे कि जैसे भी हो हमें राम जन्मभूमि फिर से लेकर के रहना है और इसके लिए जो भी माध्यम हो सकते हैं और शांति का हो या क्रांति का सनातन धर्म को मजबूत मजबूती प्रदान करने के लिए वेद विद्यालयों की स्थापना हो या सुदूर जनजातीय क्षेत्रों में एकल विद्यालयों की स्थापना का कार्य हो पूज्य संतों का सानिध्य लेकर के हर मद पंथ संप्रदाय से जुड़े हुए उत्तर से दक्षिण पूरब से पश्चिम सभी पूज्य संतों को एक मंच पर लाने का कार्य हो या फिर अछूत्तर के लिए किए जाने वाले उनके तुल्य प्रयास इस हृदय अशोक जी जीवन पर्यंत करते रहे। वे कहते थे कि भारत की प्रतिष्ठा दो में हीं हो सकती है एक संस्कृत में और दूसरा हमारी सनातन संस्कृति यही संस्कृति यही भारत की आत्मा है और ही विश्व की आत्मा है और यह नाम पूज्य गोविंद देव गिरी जी ने जब दिया भारत आत्मा अशोक सिंघल तो मुझे लगता है इससे उत्तम कोई दूसरा नाम नहीं हो सकता था क्योंकि अशोक जी का पूरा जीवन भारत माता के लिए पूरा जीवन भारत माता के लिए समर्पित था। उन्होंने इसके लिए संघर्ष किया अपमान सहा लेकिन तनिक भी विचलित नहीं हुए अपने मूल्यों से अपने सिद्धांतों से पूज्य माता-पिता के द्वारा दिए गए संस्कार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पाठशाला में सिखे गए संस्कारों से तनिक भी विचलित हुये बिना रुके बिना झुके बिना डिगे निरंतर कार्य करते रहे और परिणाम है कि जब सच्ची साधना होती है तो परिणाम तो आएगा ही आएगा। वह भी हम लोगों ने देखा है प्रधानमंत्री के कर कमल से पांच सौ वर्षो का इंतजार समाप्त हुआ पूज्य संतों का संकल्प पूरा हुआ और अयोध्या में प्रभु श्री राम लला 500 वर्षों के बाद विराजमान हुए। आज श्रद्वेय अशोक; को स्मरण करने का एक अवसर है जब हम लोग इस अवसर पर सनातन धर्म के मूल्यों से जुड़े हुए उन सभी महान बिंदुओं की स्थापना के लिए निरंतर कार्य कर रहे थे। मुझे याद है एक सामान्य कार्यकर्ता गोरक्षक सुंदर यादव की आजमगढ़ में गौतस्करों ने हत्या कर दी थी। आंदोलन में स्थानीय स्तर का आंदोलन था तो मैं भी गोरखपुर से पहुंचा था मैं भौचक था कि मेरे पहुंचने के तुरंत बाद उस आंदोलन में स्वयं अशोक जी आए थे उसे गौ रक्षक के घर गए थे और उसके परिवार को संबल में दिया था और अपराधियों को फिर जेल के अंदर भेजने में उन्होंने उसे समय आंदोलन को एक नई गति देने का काम भी किया था। अनेक वेद विद्यालयों की स्थापना के लिए भी उनके द्वारा किए गए प्रयास एक नई प्रेरणा थी और अक्सर इसके बारे में चिंतन करते थे जब कभी एकांत में बैठे राम जन्मभूमि आंदोलन के अलावा किसी एक मुद्दे पर चर्चा होती थी तो फिर बोलते थे कि नहीं हमें यह काम करना है यह कार्यक्रम इस रूप में होगा अलग-अलग लोगों को अलग-अलग करने उनको रखना उनका नेतृत्व देने इन सभी कार्यक्रमों के साथ जुड़कर के अभियान को आगे बढ़ते थे और दूरदर्शिता तो वह जब सारे लोग बोलते थे लोग विरोधी लोग पूछते थे क्या अयोध्या में राम मंदिर बन पाएगा पूरी दृढ़ता के साथ अशोक सिंघल जी कहते थे कि अवश्य बनेगा और जब दूर-दूर तक कहीं कोई पता नहीं था तब उन्होंने राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का आर्डर भी दे दिया था यह है दूरदर्शिता। मैं सिंघल फाउण्डेशन का आभार व्यक्त करूंगा कि उन्होंने आज कार्यक्रम शिक्षक दिवस के रूप में आयोजित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक दिवस भी पूरे भारत को जोड़ता है और भारत के द्वितीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन एक लंबे समय तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की। भारतीय दर्शक पर उनकी जो पकड़ थी वह सनातन मूल्य के प्रति उनके मन में बात श्रद्धा थी। भारतीय दर्शन के वह ज्ञाता थे और उनके स्मृति में भारत 5 सितंबर की तिथि को शिक्षक दिवस के रूप में आयोजित करता है इतना अच्छा संजोग है शिक्षक दिवस में देश के द्वितीय राष्ट्रपति महान शिक्षाविद दार्शनिक सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन को हमें श्रवण कर रहे हैं और श्रद्वेय राधाकृष्णन जी भी तमिलनाडु से तमिलनाडु में ही उनका जन्म हुआ था और देश के स्वाधीनता के लिए भी उन्होंने बढ़-चढ़कर के भाग लिया था। उन्होंने अशोक सिंघल फाउंडेशन द्वारा जिन संस्थाओं को, जिन शिक्षकों को, जिन छात्रों को, जिन विद्यार्थियों को यह सम्मान प्राप्त हुआ उनके कठिन चयन की प्रक्रिया के साथ गुजरने के बाद भी आगे बढ़ाने तथा यह कार्य और अच्छे ढंग से आगे बढ़ने चाहिए। हम लोग इस बात को पूरी दृढ़ता के साथ कह सकते हैं कि दुनिया आज भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही है शांति के लिए सुरक्षा के लिए सौहार्द के लिए पूरी दुनिया के अंदर कहीं कोई घटना घटित होती है तो आज आशा भरी निगाहें भारत की ओर भारत के नेतृत्व की ओर होती है भारत की मजबूती के लिए भारत को सशक्त बनाने के लिए हम सबके प्रयास से उसी तरह से आगे बढ़ने चाहिए।
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर प्रभु रामलाल का विराजमान होना गुलामी के अंशु को सर्वथा समाप्त करने के अभियान को एक नई गति दे चुका है अब यह कभी ठगने वाला नहीं है न दिखेगी और यह न झुकेगा आगे बढ़ेगा मजबूती के साथ आगे बढ़ेगा लेकिन नागरिक कर्तव्य भी हमारे मन में इस श्रद्धा भाव के साथ जानना चाहिए अब अधिकारों की चिंता कम कर्तव्यों की ज्यादा हमें करनी होगी अपने देश के लिए अपने सनातन धर्म के लिए अपने कार्यक्षेत्र के लिए जो जिस कार्य क्षेत्र में कार्य कर रहा है उसमें भी उत्कृष्टतम कार्य करके दिखाएं कि हमारा प्रयास होना चाहिए और अगर हम कर पाएंगे तो सनातन धर्म की यही शिक्षा यही हमें अपने धर्म के प्रति अपने देश के प्रति यही कृतज्ञ करने का अवसर अपने कर्तव्यों के माध्यम से प्राप्त होगा आज के अवसर पर एक बार फिर से मैं विद्यार्थी उत्क्रमित शिक्षक वेद विद्यालय और चोरी के सभी सदस्यों को हृदय से बधाई और धन्यवाद देते हुए अशोक सिंगला फाउंडेशन को भी सर्व अशोक जी की स्मृति को एक पुरस्कार के माध्यम से वेद शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए उनके संकल्पना को आगे बढ़ाने के क्रम में किए गए प्रयास के लिए हृदय से धन्यवाद और अभिनंदन करते हुए अपनी वाणी को विराम देता हूं धन्यवाद जय हिंद जय जय श्री राम।
मुख्यमंत्री द्वारा सिंघल फाउण्डेशन के तहत भारतात्मा अशोक सिंघल पुरस्कार 2024 के तहत उत्कृष्ट वेदविद्यार्थी गुल्लपल्लि कार्तिकेय शर्म घनपाठी, वेदांग मन्दार शहरकर, नारायण लाल शर्मा, आदर्श वेदाध्यापक कुलपति आर0चन्द्रमौलि श्रौती, मन्दार नारायण शहरकार, ब्रहा्रश्री डा0 एस0 अनन्तनारायण गणपतिगल, उत्तम वेदविद्यालय द राजा वेद काव्य पाठशाला, आचार्य गोपालचन्द्र मिश्र वैदिक उन्नयन संस्थान, दत्तात्रेय वेदविद्या गुरूकुलम को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी महाराज व प्रभु श्रीरामलला का दर्शन पूजन किया गया। कार्यक्रम में महंत कमल नयन दास, स्वामी राम शरण दास, महंत अवधेश दास, जगत् गुरु दिनेशाचार्य व तमिलनाडु से आए संत, स्थानीय जनप्रतिनिधि व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
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