लखनऊ (मानवी मीडिया)लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में 21 सितम्बर 2024 को 'गुणात्मक और मात्रात्मक अनुसंधान पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें प्रो. बी. बी. मालिक, समाजशास्त्र विभाग, बीबीएयू मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। संकाय के अधिष्ठाता व विभागाध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार, तथा वरिष्ठ शिक्षक प्रोफेसर मुनेश कुमार द्वारा प्रोफेसर मलिक का स्वागत किया गया। प्रोफेसर मलिक ने अनुसंधान में उपयोग की जाने वाली प्रमुख कार्यप्रणालियों, अर्थात गुणात्मक और मात्रात्मक दृष्टिकोणों की गहन समझ विकसित करने की चर्चा की। उन्होंने अनुसंधान में तथ्यों की महत्ता, मूल्य-तटस्थता और वस्तुनिष्ठता के उपयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। सत्र के दौरान, प्रो. मलिक ने अनुसंधान के मूल सिद्धांतों पर चर्चा की और बताया कि अनुसंधान के लिए एक संभावित ढांचा कैसे तैयार किया जाए। उनके व्याख्यान ने शोध प्रस्ताव की महत्ता पर जोर दिया, और यह बताया कि शोधकर्ता को तथ्यों के संदर्भ में सत्य की खोज करने का लक्ष्य रखते हुए वैज्ञानिक विधियों का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने अनुसंधान प्रस्ताव तैयार करते समय नोट्स लेने की महत्ता पर भी प्रकाश डाला।उन्होंने शोधार्थियों को अनुसंधान प्रस्ताव तैयार करते समय अपने रुचि क्षेत्र को खोजने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी, क्योंकि यह किसी शोध प्रस्ताव को तैयार करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। सही शोध विधि का चयन किसी भी अध्ययन की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने शोधार्थियों को ज्ञान के अनछुए क्षितिजों को खोजने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अनुसंधान के दौरान शैक्षिक शब्दकोश के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
व्याख्यान का समापन प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें शोधार्थियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में इन अनुसंधान विधियों के व्यावहारिक अनुप्रयोग पर प्रश्न उठाए। वक्ता ने अनुसंधान उद्देश्यों की स्पष्टता पर बल दिया और उनके शोध प्रस्तावों के लिए सही कार्यप्रणाली का चयन करने के संबंध में मूल्यवान सुझाव दिए। व्याख्यान में डॉ नीतू सिंह, डॉ बीना इंद्राणी, डॉ सूर्य नारायण गुप्ता तथा अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।