लखनऊ : (मानवी मीडिया) राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर का 28 वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को 86,103 उपाधियां, सर्वाेच्च अंक प्राप्त करने वाले 96 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक तथा 508 शोधार्थियों को पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान कीं। इसके साथ ही कुलाधिपति जी द्वारा आईपैड का बटन दबाकर 85,595 डिग्रियों को डिजीलॉकर में अपलोड किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कक्षा 05 से 08 में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल बैग, फल, जेमट्री बाक्स, महापुरुषों पर प्रकाशित पुस्तकें आदि प्रदान किया। उन्हांेने विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गाँवों में आयोजित खेल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाले बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया तथा राजभवन की तरफ से 100 पुस्तकें बच्चों के लिए भेंट किया। आंगनवाड़ियों को सुविधा सम्पन्न बनाने हेतु राज्यपाल जी ने 300 आंगनवाड़ी केन्द्रों को आंगनवाड़ी किट भी वितरित किया। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में प्रतिभा की कमी नहीं है, बस इन्हें प्रेरणा देकर सकारात्मक दिशा में इनकी ऊर्जा का उपयोग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी संसाधन होने के बाद भी नैक मूल्यांकन से विश्वविद्यालय घबराते थे। लेकिन राजभवन ने इसे जरूरी किया और सहयोग और ट्रेनिंग देकर उनके संसाधनों को सिस्टमैटिक रूप से बनाकर ‘ए प्लस प्लस‘ की श्रेणी में पहुंचाया। उन्होंने कहा कि मानव में संकल्प शक्ति का होना बहुत जरूरी है।
राज्यपाल ने नैक मूल्यांकन के फायदे बताते हुए कहा कि ‘ए प्लस प्लस‘ पाने वाले विश्वविद्यालयों को बजट से 100 करोड़ रूपये एवं बाकी विश्वविद्यालय को 20 करोड़ की धनराशि प्रदान की गई है। विश्वविद्यालयों को इस धनराशि का उपयोग विद्यार्थियों की बेहतरी के लिए करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नैक प्रेक्टिस से विश्वविद्यालय के ढांचे में बेहतर परिवर्तन आया है। अब राजभवन का जोर एन.आई.आर.एफ. पर है। इस मूल्यांकन और रेटिंग से विश्वविद्यालय में विदेशी छात्र और मेधावी छात्र आएंगे और यहां के विद्यार्थियों का विदेश जाने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य आपके सामर्थ्य से बढ़ेगा, हर चुनौती एक नया अवसर लेकर आती है। उन्होंने अपना गुजरात का अनुभव साझा करते हुए कहा कि गुजराज की स्थिति बदल गई है, वहां विदेशी कंपनियां निवेश कर रही है। आज का युग तकनीक का युग है। इसका उपयोग जन कल्याण के हित में होना चाहिए।
विनाश के लिए नहीं दुनिया में जो कुछ अच्छी और नई चीज हो रही है, उससे हमें जुड़ने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने ‘‘वन नेशन वन इलेक्शन‘‘ का जिक्र करते हुए कहा कि इससे देश की आर्थिक बचत होगी। उन्होंने केंद्र की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब हमारी तैयारी अंतरिक्ष पर है। उन्होंने अंतरिक्ष के पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय में शामिल करने का निर्देश दिया। उन्होंने आंगनवाड़ियों को संसाधनयुक्त करने पर जोर देते हुए कहा कि इससे वहां पढ़ने वाले गरीब छात्रों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय आंगनबाड़ी से लेकर विश्वविद्यालय तक एक सेतु बनाकर काम करें, ताकि शिक्षा का विकास सकारात्मक दिशा में हो सके। उन्होंने विश्वविद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘गतिमान‘ एवं तीन अन्य पुस्तकों का भी विमोचन किया।