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Wednesday, September 4, 2024

केजीएमयू में 26वां स्थापना दिवस मनाया सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग का

लखनऊ (मानवी मीडिया )सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग का 26वां स्थापना दिवस 4 सितंबर को मनाया गया। इस विशेष अवसर पर भारत के प्रख्यात कैंसर सर्जन और ऑन्कोलॉजिस्ट प्रो. अनिल डीक्रूज़, जो वर्तमान में अपोलो अस्पताल, मुंबई में ऑन्कोलॉजी के निदेशक हैं, और प्रोफेसर रामकृष्णन, जो चेन्नई के कैंसर संस्थान में जीआई ऑन्कोलॉजी के प्रोफेसर हैं, को आमंत्रित किया गया। प्रो. अनिल डीक्रूज़ ने " गर्दन और मुख कैंसर के प्रबंधन” पर एन.सी. मिश्रा व्याख्यान प्रस्तुत किया, जबकि प्रो. रामकृष्णन ने "बड़ी आँत के कैंसर का मल्टीमोडैलिटी ट्रीटमेंट के विकास" पर व्याख्यान दिया।

प्रो अनिल डिक्रूज ने प्रो एन.सी. मिश्रा  व्याख्यान में बोलते हुए बताया कि आरंभिक मुंह के कैंसर में भी गर्दन विच्छेदन की भूमिका है। मुंह के कैंसर की पूरी सर्जरी होनी चाहिए। इससे रोगी की बेहतर जीवन रक्षा होती है। उन्होंने बेहतर रोगी देखभाल के लिए अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए युवा डॉक्टरों की सराहना की।

प्रोफेसर रामकृष्णन ने कहा कि मलाशय के कैंसर के उपचार का ट्यूमर बोर्ड में निर्णय लेना चाहिए। बहु-विषयक प्रबंधन से बेहतर रोगी परिणाम प्राप्त होते हैं।

कुलपति केजीएमयू प्रो सोनिया नित्यानंद ने विभाग के अच्छे काम की सराहना की। उन्होंने बहु संस्थागत सहयोगात्मक अनुसंधान की आवश्यकता पर जोर दिया। कुलपति ने विभाग की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

विशिष्ट अतिथि प्रो संजीव मिश्रा ने विभाग के साथ अपने पुराने जुड़ाव को याद किया और विश्वविद्यालय प्रशासन से कैंसर रोगियों के बेहतर इलाज की सुविधा के लिए बेहतर उपकरण और रोबोट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।

विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार ने विभाग की वार्षिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पिछले वर्ष 33,204 मरीजों को ओपीडी में देखा गया और 1,530 मरीजों के कैंसर का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया उन्होंने यह भी बताया कि विभाग ने अमेरिका और इंग्लैंड के प्रसिद्ध कैंसर संस्थानों के साथ साझा अनुसंधान में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसके साथ ही, उन्होंने यह जानकारी दी कि सीएसआर फंड से खरीदी गई HIPEC और इलेक्ट्रोकेमोथेरेपी मशीनें विभाग में स्थापित कर दी गई हैं, जो जल्द ही चालू होजाएंगी।

इस अवसर पर के.जी.एम.यू. के विभिन्न विभागाधक्ष, संकाय सदस्य, छात्र छात्राएं, कर्मचारी एवम विभाग के पूर्व छात्र सम्मिलित हुए।

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