लखनऊ (मानवी मीडिया)राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज लखनऊ में संयुक्त परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ जूम बैठक के बाद एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि कर्मचारियों की मांगों पर उच्च स्तर पर उदासीनता बढ़ती जा रही है। प्रमुख सचिव कार्मिक एवं मुख्य सचिव के स्तर पर लंबित मांगों पर ना तो कार्रवाई हो रही है और नहीं कोई बैठक ही हो रही है। जे एन तिवारी अवगत कराया है कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एक अनुशासित एवं शांतिप्रिय संगठन है। संगठन ने मर्यादित तरीके से अपनी बात मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत कर समाधान जा प्रयास किया है, लेकिन विगत कुछ दिनों से कर्मचारियों की मांगों पर लगातार उदासीनता बरती जा रही है। विभागीय अधिकारी कर्मचारी संगठनों के साथ वार्ता कर सकारात्मक निर्णय नहीं ले रहे हैं। संयुक्त परिषद के पदाधिकारी को अनावश्यक रूप से जानबूझकर प्रताड़ित किया जा रहा है। संयुक्त परिषद की सचिव का दिसंबर 22 में 8 दिन का वेतन जिला समाज कल्याण अधिकारी रायबरेली द्वारा कार्यकारिणी की बैठक में प्रतिभाग करनेके कारण रोका गया है ,जिसका भुगतान आज तक नहीं हुआ है। समाज कल्याण/ जनजाति विभाग में संविदा शिक्षकों का उत्पीड़न चरम पर है। संविदा नवीनीकरण केनाम पर 50% परीक्षा परिणाम की बाध्यता रखी गई है ताकि आर्थिक शोषण का आसन रास्ता खुला रहे,आउटसोर्स कर्मचारियों की मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद भी न्यूनतम मजदूरी तय नहीं हो पाई है। संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की कार्यवाही पिछले पिछले 10 वर्षों से नहीं की गई है। अंतिम नियमितीकरण 2001 तक के कर्मियों का हुआ है उसके बाद मौजूदा सरकार ने नियमितीकरण की कोई नीति जारी नहीं किया है। आशा बहू, आशा संगिनी से काम तो लिया जा रहा लेकिन उनको भुगतान नहीं हो रहा है। Pmy योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं का प्रपत्र भरने का कार्य आशा बहू से छीन लिया गया है, आशा बहू का न्यूनतम मानदेय भी निश्चित नहीं किया गया है। खाद्य एवं रसद विभाग के कर्मचारियों की समस्याएं सुलझाई नहीं जा रही है, अपर मुख्य सचिव कार्मिक की वार्ता में निर्णय के बावजूद भी कैडर रिव्यू का मामला लंबित है , धान खरीद की तिथि करीब आने के बावजूद भी क्रय केंद्रों पर कार्यालय, पानी बिजली, किसानों के लिए सुख सुविधा की व्यवस्था, स्टाफ, लैपटॉप कोई व्यवस्था नहीं की गई है ।खरीदे गए धान के भंडारण की भी कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। नगरीय परिवहन सेवाओं के हजारों संविदा चालक, परिचालक बेरोजगार हो गए हैं, सरकार उन पर ध्यान नहीं दे रही है। कर्मचारियों में उनकी सेवा को लेकर असुरक्षा का वातावरण है। ऐसी स्तिथि में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद जैसी अनुशासित एवं शांतिप्रिय संस्था भी आंदोलन पर मजबूर हो गई है। 25 अक्टूबर को लखनऊ में प्रदेश के लाखों कर्मचारियों का जमावड़ा होगा। धरना प्रदर्शन के माध्यम से कर्मचारी उत्पीड़न नीतियों का विरोध करेंगे एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे।
जे एन तिवारी ने मुख्यमंत्री से कर्मचारियों की समस्याओं का संज्ञान लेकर निराकरण करनेकी अपील किया है। जूम बैठक का आयोजन राज्यकर्मचारी संयुक्त परिषद की महामंत्री अरुणा शुक्ला ने किया। जूम बैठक में संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी , कार्यवाहक अध्यक्ष नारायण जी दुबे, महामंत्री अरुणा शुक्ला,उपाध्यक्ष त्रिलोकीनाथ चौरसिया, शिवाकांत द्विवेदी पुनीत शर्मा ,निरुपमा सिंह , सर्वेश कुमार श्रीवास्तव, हेमंत पाठक ,प्रीति पांडे, राजेश निराला, ओम प्रकाश पांडे, ओम प्रकाश गौड़, शेष नारायण मिश्रा, सहदेव सचान, इंद्रजीत सिंह, अर्पणा अवस्थी, अयोध्या सिंह, वीरेंद्र वीर यादव, स्वाति सिंह, लक्ष्मी आर्या ,महेश द्विवेदी , प्रेमसिंह, चंद्र प्रकाश , पूजा, कोमल वर्मा, सरोज नाथ पांडे सहित सैकड़ो पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।