उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि कवि अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज व सरकार को दिशा दिखाते हैं। सरकार के कार्यों को कसौटी पर परखते हैं। वे शब्दों के माध्यम से समाज की भावनाओं, चिंताओं और आशाओं को अभिव्यक्ति देते हैं। जयवीर सिंह ये बातें शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में संस्कृति विभाग और हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा महाकुंभ प्रयागराज के अंतर्गत आयोजित तीन दिवसीय कवि कुंभ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन व मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ-2025 के प्रारंभ होने में कुछ माह शेष हैं। इसमें देश-विदेश से आए हुए धार्मिक पर्यटकों, श्रद्धालुओं को सुखद अनुभव देने में कवि-साहित्यकारों की महती भूमिका रहेगी। इससे महाकुंभ-2025 की भव्यता व दिव्यता और बढ़ जाएगी।
जयवीर सिंह ने कहा वर्ष 2019 में आयोजित कुंभ में देश-दुनिया से लगभग 25 करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था। महाकुंभ-2025 में लगभग 50 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने का अनुमान है। कविता, साहित्य और संस्कृति की शक्ति को समझने का यह आयोजन हमें अपनी महान साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत, धरोहर को संजोने और संवारने का अवसर प्रदान करता है। महाकुंभ का महत्व केवल एक धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, एकता, और विविधता का प्रतीक है। यह मानवता के मिलन का स्थल है, जहां विभिन्न मत, पंथ और संस्कृतियांे के लोग एकत्र होकर विश्व को प्रेम, शांति और भाईचारे का संदेश देती हैं। यह कवि कुंभ हमें हमारी समृद्ध साहित्यिक बिरासत को याद दिलाता है।
इस दौरान कवि डॉ. हरिओम पवार ने कहा कि सरकार की ओर से कवि कुंभ जैसा बड़ा आयोजन किया जा रहा है, जिसमें लगभग साढ़े चार सौ कवि हिस्सा ले रहे हैं। अब इससे बड़ी लकीर केवल केंद्र सरकार खींची जा सकती है। इसके लिए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह को कोटिश आभार। उन्होंने नए कवियों से आग्रह कि आप ऐसा कवि जिसका प्रकाश पूरे देश में फैले। इसके लिए अलावा हिंदी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष सौरभ जैन, डॉ. अनामिका जैन अंबर ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने डॉ. हरिओम पंवार, सौरभ जैन, अनामिका जैन, सर्वेश अस्थाना सहित बड़ी संख्या में कवियों को सम्मानित किया।