लखनऊ : (मानवी मीडिया) दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभागीय अधिकारियों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाये जाने के लिए 1000 नई दुग्ध समितियों के गठन करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को एक नई दिशा देने के लिए आवश्यक है कि समितियों की संख्या निरन्तर बढ़ाकर उन्हंे मजबूत किया जाए। अक्रियाशील समितियों को क्रियाशील कर संचालित किया जाए। सिंह ने कहा कि किसानों एवं पशुपालकांे को उनके दुग्ध मूल्य का भुगतान निर्धारित समयावधि में किया जाए और किसी भी दशा में विलम्ब न होने पाये।दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विगत 06 माह में विभिन्न योजनाओं में आवंटित बजट व व्यय के विवरण, दुग्ध उत्पादन बढ़ाये जाने, एनडीडीबी को दिये गये संस्थानों एवं समितियों के संचालन की गहन समीक्षा की। श्री सिंह ने कहा कि माह फरवरी, 2025 तक बजट का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाए और अधिकारी सभी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आवंटित धनराशि को ससमय व्यय करे। किसानों को उनके दुग्ध मूल्य भुगतान प्रति सप्ताह किये जाने के संबंध में दुग्ध संघ वाराणसी, गोण्डा, झांसी, फिरोजाबाद, अयोध्या, बरेली एवं मथुरा को भुगतान किये जाने पर श्री सिंह ने संतोष व्यक्त किया और शेष दुग्ध संघों को यथाशीघ्र भुगतान किये जाने के निर्देश दिये। दुग्ध विकास मंत्री ने कहा कि किसानों एवं पशुपालकों का हित राज्य सरकार की प्राथमिकता में है और इन कार्यों के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता न बरती जाए।
एनआरएलएम/बैंक ऋण से पशुपालन कर रहे लाभार्थियों को दुग्ध समितियों से जोड़ा जाए और इसमें महिला कृषकों को विशेष रूप से सम्मिलित किया जाए। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में 18108 निबंधित समितियां हैं, जिसके सापेक्ष 6,849 कार्यरत समितियां हैं।बैठक में दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री के0 रवीन्द्र नायक ने मंत्री जी को आश्वस्त करते हुए कहा कि किसानांे एवं पशुपालकों को दुग्ध मूल्य का भुगतान में कोई विलम्ब नहीं किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को समितियों की संख्या बढ़ाये जाने के संबंध में पूर्ण गंभीरता एवं तत्परता से कार्य किये जाने के निर्देश दिये। बैठक में दुग्ध विकास विभाग के विशेष सचिव राम सहाय यादव, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक श्री आनंद कुमार सिंह, पीसीडीएफ के डा0 मनोज तिवारी, डा0 राम सागर सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।