SGPGI की एसोसिएट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 2 करोड़ ठीक करने वाले 6 गिरफ्तार - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Friday, August 30, 2024

SGPGI की एसोसिएट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 2 करोड़ ठीक करने वाले 6 गिरफ्तार


लखनऊ (मानवी मीडिया)एस०जी०पी०जी०आई० की एसोसिएट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट करके लगभग 02 करोड़ रूपये की ठगी करने वाले गैंग के 06 सदस्य जनपद लखनऊ से गिरफ्तार।

दिनांक: 30-08-2024 को एस०टी०एफ०, उत्तर प्रदेश को एस०जी०पी०जी०आई० की एसोसिएट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट करके लगभग 02 करोड़ रूपये की ठगी करने वाले गैंग के 06 सदस्यों को जनपद लखनऊ से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरणः-

1- फैज उर्फ आदिल पुत्र जहीरूद्दीन निवासी प्लाट नं0 1116 किरन इन्क्लेव कुर्सी रोड,

लखनऊ।दीपक शर्मा पुत्र राजेन्द्र प्रसाद निवासी ग्राम गनवरिया, थाना वेल्हरकला, सन्तकबीरनगर। आयुष यादव पुत्र भोनू यादव निवासी ग्राम जलालपुर माफी थाना चुनार मीरजापुर।

2345

फैजीबेग पुत्र रफीकुद्दीन बेग, निवासी भाखामऊ कुर्सी रोड, लखनऊ।

मो० उसामा पुत्र अब्दुल सलाम सी-12, गंगाविहार कालोनी, चिनहट, लखनऊ।

मनीष कुमार पुत्र विजय कुमार नि० एल-1/192 विनीतखण्ड, गोमतीनगर, लखनऊ।

6-बरामदगी-

1- 08 अदद मोबाइल फोन।2-

08 अदद पासबुक ।

3- 09 अदद एच०डी०एफ०सी० बैंकिंग किट (पासबुक, एटीएम कार्ड, चेकबुक आदि) विभिन्न बैंक खातों में लगभग 30,00,000/- रूपये (तीस लाख रूपये) फीज कराया गया।

एस०टी०एफ०, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से सोशल मीडिया के माध्यम से कॉल करके स्वयं को पुलिस / ई०डी०सी०बी०आई० आदि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताकर लोगो को डरा-धमकाकर ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ उ०प्र० की विभिन्न टीमों / इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में  दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एस०टी०एफ०, उ०प्र० के निर्देशन में टीम गठित द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसचूना तन्त्र को सक्रिय किया गया।

विगत दिनों एस०पी० जी०आई० लखनऊ की एसोसिएट प्रोफेसर के मोबाइल पर किसी अज्ञात नम्बर से काल आया। जिस पर उनके द्वारा काल रिसीव करने पर कालर द्वारा स्वय को सी०बी०आई० मुम्बई का पुलिस अधिकारी बताकर कहा गया कि मनी लाड्रिंग का केस हुआ जिसमें आपके खाते का इस्तेमाल किया गया है। इसी तरह बात करके उनको प्रभाव में लेते हुए बैंक व उनकी सारी डिटेल प्राप्त कर लिया गया। जिसके उपरान्त लगभग 05 दिन से अधिक समय तक उन्हें डीजिटल अरेस्ट करके रखा गया एवं उनके खाते से लगभग 02 करोड़ से अधिक का पैसा अपने खाते में ट्रान्सफर कर लिया गया। जब इनको इस बात का एहसास हुआ कि मेरे साथ ठगी की घटना हो गयी है तब इनके द्वारा थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में मु0अ0सं0 132/2024

धारा 319(2), 318(2), 338, 336, 340, 61 (1) अ बी०एन०एस० व 66डी आई०एक्ट० का अभियोग पंजीकृत कराया गया। अभिसूचना संकलन के क्रम में तकनीकी विशेषज्ञता एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि स्वयं को पुलिस अधिकारी / सी०बी०आई० अधिकारी बनकर ठगी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य शहीद पथ निकट बन्धे पर किसी का इन्तजार कर रहे है। यदि जल्दी किया जाय तो पकड़े जा सकते हैं इस सूचना पर उ०नि०  तेजबहादुर सिंह के नेतृत्व में उ०नि० हरीश सिंह चौहान, मु०आ० विनोद यादव, कृष्ण कान्त शुक्ला, पवन सिंह, सुनील यादव, आरक्षी राम सिंह, पुष्प कुमार की एक टीम द्वारा उक्त स्थान पर पहुँच कर 06 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया। जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि हम लोगों का एक गिरोह है जो लोगों के मोबाईल नम्बरों पर काल करके खुद को पुलिस / सीबीआई अधिकारी बताकर किसी न किसी बहाने से डराते-धमकाते है और उनकी डिटेल लेकर उनके खाते से अपने गिरोह द्वारा उपलब्ध कराये गये खाते में ट्रान्फर कर लेते है। हम लोग बायनेन्स ऐप द्वारा P2P के माध्यम से USDT की ट्रेडिंग करते है। जिसमें हम लोग USDT आनलाइन खरीद कर आनलाइन ही बेच देते है। यदि उस USDT को थर्ड पार्टी के माध्यम से बेचते हैं, तो उसके अच्छे दाम मिल जाते है। जिस कारण यह लोग अधिकतर थर्ड पार्टी ही USDT बेचते है। इस काम में ज्यादातर किसी न किसी से फ्राड करके लिए हुए पैसे होते है, इसलिए यह लोग अपना एकाउण्ट इस्तेमाल न करके अलग-अलग लोगों को प्रलोभन देकर उनसे खाता खुलवाते है और उस खाते की किट (एटीएम, पासबुक, चेकबुक, रजिर्स्ट मोबाइल नम्बर) अपने पास रख लेते है। जिससे कि ओ०टी०पी० व अन्य वेरिफिकेशन में कोई समस्या न आय और पैसा आसानी से निकाला जा सके।

 अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैंक खाते, वालेट आदि की जानकारी व गिरोह के अन्य सदस्यो की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जोयेगा।

उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में पंजीकृत मु०अ०सं० 132/2024 धारा 319(2), 318(2), 338, 336, 340, 61 (1) अ बी०एन०एस० व 66 डी आई०एक्ट० में दाखिल किया जा रहा है। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जायेगी।

Post Top Ad