(मानवी मीडिया) : मेरे पिता हाईस्कूल पास हैं। उन्होंने कम उम्र में पढ़ाई छोड़ दी और अपने पिता जी की दुकान देखने लगे। लेकिन, उन्होंने हमेशा हमें पढ़ने के लिए प्रेरित किया। मां ने एमए-बीएड सब किया। ऐसे में उसने मुझे बचपन से गाइड किया। आज इन्हीं दोनों की मेहनत का नतीजा है यह कहते हुए आरफा की आंखें भर आईं। वो इस समय दिल्ली में हैं। जब उनके घर पहुंची तो उनके पिता मोहम्मद असलम खां और मां मेहनाज उस्मानी मिलीं। मां ने हमारी वीडियो काल पर आरफा से बात कराई। उनकी मां ने बेटी की सफलता का राज खोला और बहुत सारे अनकहे पहलुओं से पर्दा उठाया। बेटी के IPS बनने के बाद मां-पिता के पास बधाइयों के फोन आ रहे हैं। मां मेहनाज ने बताई सफलता की घर पहुंचा तो उनके पिता मोहम्मद असलम खां ने हमें अंदर बैठाया और दो मिनट बाद अंदर से पत्नी मेहनाज उस्मानी को लेकर आए और कहा- सब यहीं हैं भइया। इनकी मेहनत से बेटी आज इस मुकाम पर पहुंची है। हम तो हाईस्कूल पास हैं। इन्होंने ही बेटी को आगे तक पहुंचाया है। इसके बाद हमने मेहनाज से बात की और आरफा का हर पहलू जाना। बेटी ने किया मेरा सपना पूरामेहनाज ने बताया- मैं कानपुर की रहने वाली हूं और मैंने एमए-बीएड किया है। पढ़ाई की अहमियत मुझे पता है।
शादी के बाद यहां आई तो मेरा जॉब करने का सपना टूट गया। क्योंकि यहां ससुराल में ऐसा माहौल नहीं था। हमारे हाथ तंग थे। पति से नौकरी के लिए कहा पर इजाजत नहीं मिली। हमने अपने तीन बच्चों पर ध्यान दिया और पढ़ने में मनमौजी आरफा ने इसी बीच हाईस्कूल में ICSE बोर्ड से एग्जाम दिया और पूरे जिले में टॉप कर गई। उस दिन पूरा घर खुश था। आज वह IPS बन गई है। मेरा सपना मेरी बेटी ने पूरा किया है। IIT-BHU से एमएनसी में किया कोर्स, फिर की जॉबआरफा अभी दिल्ली हैं। ऐसे में मेहनाज ने बताया- आरफा ने हाईस्कूल के बाद इंटर किया और IIT का एंट्रेंस दिया जहां उसका एमएनसी में हो गया और उसने अपना कोर्स पूरा किया। यहां उसे अच्छा पैकेज मिला और इंटेल बेंगलुरु में उसने 2 साल काम किया। 2018 से 2020 तक आरफा ने जॉब की।
बोली-मां कुछ अलग करना है, फिर छोड़ दी जॉब और शुरू की तैयारीमेहनाज ने बताया- आरफा ने बांड पूरा करने के बाद कहा कि अम्मी अब नहीं करनी जॉब। लक्ष्य IAS बनने का है और अब तैयारी करूंगी। उसने हमेशा की तरफ अपने छोटे भाई मोहम्मद शादान खां जो RBI में कार्यरत हैं। उससे सलाह ली और कोरोना के बाद नई दिल्ली चली गई और तैयारी शुरू कर दी। घर में सिर्फ दो लोगों को था पतामेहनाज के पिता मोहम्मद असलम ने बताया- आरफा तैयारी कर रही है और IPS बन गयी हैं। ये हमें आज पता चला। उसने सिर्फ अपने भाई और मां को मना किया था किसी को बताने के लिए की वो तैयारी कर रही है। मेहनाज ने बताया- आरफा ने तीसरे अटेम्प्ट में यह परीक्षा क्रैक की है। पहली बार में प्री और दूसरी बार में इंटरव्यू तक पहुंची थी। पढ़ाई में शुरू से मनमौजी रही आरफाआरफा की मां मेहनाज ने बताया कि आरफा हमेशा बहुत ज्यादा किताबी कीड़ा नहीं रही। उसे अगर नींद आ रही है तो वह सो जाती थी। पढ़ना है तो पढ़ती थी। मनमौजी थी आराम से पढ़ना और उसी में सब काम करना। मनमौजी तरह से पढ़कर उसने हाईस्कूल में टॉप किया तभी हम जान गए कि यह जो भी पढ़ती है मन लगाकर पढ़ती है।
आरफा की मां मेहनाज ने उनकी पढ़ाई के बाद करियर के टूट चुके सपने के बारे में बताया। अब पढ़िए काशी की IPS बेटी आरफा से हुई बात इंटरव्यू के बाद नहीं हुआ तो काफी हताश हो गई थीआरफा ने दैनिक भास्कर से वीडियो कॉल पर बात की। उन्होंने बताया- मैंने अपने भाई और मां से पूछकर तैयारी करना शुरू किया था। पिछले बार जब इंटरव्यू तक पहुंची और मेरा नहीं हुआ तो मुझे बड़ी हताशा हुई। मां से बात हुई तो मां ने कहा कि वापस आ जाओ पर मैंने कहा कि मां बहुत टफ होता है। एक कोशिश और करने दीजिए हो जाएगा और वही हुआ। आज IPS बन गयी हूं। अपने पेरेंट्स की मेहनत को वापस कर पा रहे हैंबिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी से IPS बनी आरफा ने बताया कि मां-बाप की वजह से लगातार आगे बढ़ पा रहे हैं। बच्चों को क्या ही समझ होती है। जो मेरी फाउंडेशन है वो उन्हीं लोगों की देन है। उन्होंने बचपन से अच्छे स्कूल में पढ़ाया। उसी की देन है कि आज मै इस मुकाम पर हुन। उनका शुक्रिया कैसे अदा करना है यह नहीं सोच पा रही हूं।
आरफा की मां मेहनाज ने उनकी पढ़ाई के बाद करियर के टूट चुके सपने के बारे में बताया। अब पढ़िए काशी की IPS बेटी आरफा से हुई बात इंटरव्यू के बाद नहीं हुआ तो काफी हताश हो गई थीआरफा ने दैनिक भास्कर से वीडियो कॉल पर बात की। उन्होंने बताया- मैंने अपने भाई और मां से पूछकर तैयारी करना शुरू किया था। पिछले बार जब इंटरव्यू तक पहुंची और मेरा नहीं हुआ तो मुझे बड़ी हताशा हुई। मां से बात हुई तो मां ने कहा कि वापस आ जाओ पर मैंने कहा कि मां बहुत टफ होता है। एक कोशिश और करने दीजिए हो जाएगा और वही हुआ। आज IPS बन गयी हूं। अपने पेरेंट्स की मेहनत को वापस कर पा रहे हैंबिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी से IPS बनी आरफा ने बताया कि मां-बाप की वजह से लगातार आगे बढ़ पा रहे हैं। बच्चों को क्या ही समझ होती है। जो मेरी फाउंडेशन है वो उन्हीं लोगों की देन है। उन्होंने बचपन से अच्छे स्कूल में पढ़ाया। उसी की देन है कि आज मै इस मुकाम पर हुन। उनका शुक्रिया कैसे अदा करना है यह नहीं सोच पा रही हूं।
रोजाना 12 से 14 घंटे की पढ़ाईआरफा ने बताया- दिल्ली आने के बाद सेल्फ स्टडी की और IAS बनने का सपना देखा। आरफा रोजाना 12 से 14 घंटे स्टडी करती थीं और उसके बाद अच्छी नींद लेती थीं। आरफा ने कहा कोई भी अभ्यर्थी हो उसे खुद पर भरोसा रखना चाहिए और मेहनत करनी चाहिए। निश्चित ही सफलता उसे मिलेगी। मां और भाई शादान के साथ पिता को दिया श्रेयसलमान और मेहनाज उस्मानी के तीन बच्चे हैं। जिसमें आरफा सबसे बड़ी है। उसके बाद शादान और फिर आलिया उस्मानी। घर में दिक्कतों के बावजूद मां-बाप ने कभी बच्चों की पढ़ाई पर आंच नहीं आने दी। आरफा ने बताया- उनकी सफलता का श्रेय उनकी मां और भाई को जाता है जिन्होंने हर वक्त उन्हें मोटिवेट किया। बास्केटवाल की हैं बेहतरीन खिलाड़ीआरफा उस्मानी IIT-BHU की बास्केट बाल टीम की बेहतरीन खिलाड़ी भी रही हैं। उन्होंने बास्केट बाल की टीम के साथ कई प्रतियोगिताएं खेली और टीम को जिताया। ये भी पढ़ें:- रेलवे एनटीपीसी में 10884 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी