नई दिल्ली (मानवी मीडिया)- सरकार ने आईपैड और आईफोन यूजर्स के लिए एडवाइजरी जारी की है। केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था ने एपल के कुछ प्रोडक्ट में तकनीकी खामियों के बारे में पता लगाया है, जो यूजर्स की सिक्योरिटी और प्राइवेसी के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी प्रक्रिया टीम ने उन डिवाइस की लिस्ट भी जारी की है, जिन्हें खासतौर पर सतर्क हो जाने की जरूरत है।
भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी प्रक्रिया टीम ने कहा कि इन खामियों का फायदा उठाकर हैकर्स यूजर्स के निजी डेटा के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और पर्सनल जानकारी में सेंधमारी कर सकते हैं। संस्था ने यूजर्स को स्पूफिंग के प्रति भी आगाह किया है। सरकार द्वारा जारी की गई हाई रिस्क वॉर्निंग में कहा गया है कि इन कमियों के कारण आईफोन, आईपैड व कंपनी के दूसरे डिवाइस के सॉफ्टवेयर इससे प्रभावित हो सकते हैं। ये खामियां अटैकर्स को संवेदनशील जानकारी तक पहुंचने और अपने हिसाब से डिवाइस को इस्तेमाल करने की परमिशन दे सकती हैं। यहां तक कि सिक्योरिटी रिस्ट्रिक्शन के साथ भी अटैकर्स खिलवाड़ कर सकते हैं। टीम ने यूजर्स से एपल द्वारा लेटेस्ट सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए कहा है।
ये खामियां एपल के कई सॉफ्टवेयर को प्रभावित करती हैं, जिनमें iOS और iPadOS के 17.6 और 16.7.9 से पहले के संस्करण, macOS Sonoma के 14.6 से पहले के संस्करण, macOS Ventura के 13.6.8 से पहले के संस्करण, macOS Monterey के 12.7.6 से पहले के संस्करण, watchOS के 10.6 से पहले के संस्करण, tvOS के 17.6 से पहले के संस्करण, visionOS के 1.3 से पहले के संस्करण, Safari के 17.6 से पहले के संस्करण शामिल हैं।
सरकार का कहना है कि एपल के द्वारा जारी लेटेस्ट सॉफ्टवेयर वर्जन का ही इस्तेमाल करें। ऐप डाउनलोड करने के लिए किसी भी साइट पर भरोसा न करें और न ही किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करें।