नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) भ्रामक विज्ञापन मामले में योगगुरु रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को इस मामले में बाबा रामदेव समेत उनके सहयोगी बालकृष्ण और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद की माफी स्वीकार करने के बाद उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी। इसे लेकर योगगुरु रामदेव, बालकृष्ण और उनकी कंपनी की ओर से अधिवक्ता गौतम तालुकदार ने बताया कि अदालत ने बाबा रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के शपथपत्रों के आधार पर अवमानना कार्यवाही बंद कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस पर 14 मई को अपना आदेश सुरक्षित रखा था। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है। यह मामला साल 2022 में शुरू हुआ था, जब आईएमए ने भ्रामक विज्ञापनों को लेकर बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि के खिलाफ एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में आईएमए द्वारा कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति यानी एलोपैथी के खिलाफ बदनाम करने वाला अभियान चलाने का आरोप बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पर लगाया गया है।