उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) 69000 शिक्षकों की भर्ती को लेकर आए हाई कोर्ट के आदेश के बाद बांदा में कोऑपरेटिव बैंक ने कई शिक्षकों को रिकवरी लेटर लारी किया है। बैंक के शाखा प्रबंधकों को निर्देश जारी हुए है कि उन शिक्षकों की सूची बनाएं जिन्होंने बैंक से लोन लिया है और उनसे वसूली की जाए। इस पत्र के जारी होते ही पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। हालांकि कुछ ही घंटे बाद इस पत्र को निरस्त कर दिया गया।
जब शासन ने किसी तरह के निर्देश नहीं दिए थे तो कोऑपरेटिव बैंक ने यह कदम क्यों उठाया, यह एक बड़ा सवाल है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर योगी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि शिक्षक भर्ती में यूपी की भाजपा सरकार की बदनीयत की जिस तरह फजीहत हुई है, शायद उसका बदला वो अभ्यर्थियों से लेना चाहती थी। तभी ऐसे फरमान निकलवा रही है। इससे पहले से ही नौकरी खोने के डर से डरे हुए शिक्षकों पर अत्यधिक मानसिक दबाव बढ़ेगा।
आपको बता दें कि हाई कोर्ट में 16 अगस्त को अपने फैसले में कहा है कि 2019 में हुई 69000 शिक्षकों की भर्ती के चयनित अभ्यार्थियों की सूची नए सिरे से बनाई जाए। पिछली सूची के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की सेवा पर भी इस आदेश से संकट खड़ा हो गया। नई सूची बनने से उन शिक्षकों की सेवा में भी आंच आ सकती है। तमाम शिक्षकों ने नौकरी के बाद बैंकों से लोन ले रखा है।