लखनऊ : (मानवी मीडिया) नगर निगम में शुक्रवार को सदन शुरू होते ही हंगामा खड़ा हो गया। बीजेपी और कांग्रेस पार्षद आपस में तीखी बहस करने लगे। सबसे पहले कांग्रेस पार्षदों ने नाराजगी व्यक्त की। इस दौरान सपा के पार्षद भी हंगामा करने लगे। पार्षदों के नाराजगी की वजह रामकी कंपनी और जीआईएस सर्वे में जवाब न मिलना बताया जा रहा है। हंगामा बढ़ता देख महापौर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह सदन छोड़ कर चले गए। वहीं सदन के बाहर पहुंचे किसान यूनियन ने विकास कार्य न होने का आरोप लगा कर नारेबाजी की। किसान यूनियन की तरफ से कहा जा रहा था कि फैजुल्लागंज की पार्षद रश्मि सिंह विकास कार्यों पर ध्यान नहीं देती हैं। अधिकारी भी व्हाट्सएप ग्रुप में फर्जी मैसेज भेज रहे हैं। जबकि सड़कों में पानी भरा हुआ है।
दरअसल, नगर निगम में वर्ष 2024-25 की पहली बोर्ड बैठक में खूब हंगामा हुआ है। पक्ष व विपक्ष दोनों पार्षद हावी रहे। सदन में अपनी बात न रख पाने के कारण आपस में नोकझोंक हुई। किसी ने जीआईएस सर्वे को गलत बताकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया तो किसी ने हैदराबाद की रामकी कंपनी को सफाई का काम देने पर सवाल उठाए। जीआईएस सर्वे करने वाली कंपनी पर एफआईआर न होने पर नगर निगम को जिम्मेदार ठहाया। इसी से संबंधित कुछ सवालों के अफसरों द्वारा गोलमोल जवाब मिलने पर विवाद और बढ़ गया। बराबर होते हंगामे के बीच उठे पुराने मुद्दों के कारण विकास के नये एजेंडों पर चर्चा नहीं हो सकी। पार्षदों के शांत न होने पर महापौर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह बीच में सदन से उठकर चले गए। दोपहर बाद दोबारा सदन आयोजित किया गया। फैजुल्लागंज में गंदगी व जलभराव से नाराज किसानों ने सदन के बाहर नारेबाजी की।