उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) 'मैं अखिलेश यादव की किन शब्दों में निंदा करूं। कुछ बोल देती हूं, तो बात बढ़ जाती है। मैं यही कहूंगी कि अगर सपा के लोगों को लग रहा है कि उनका राज आ गया है, तो वो कुछ भी कर सकते हैं। मैं ऐसे अपराधियों को यही कहूंगी कि इतने जूते पड़ेंगे कि गिन नहीं पाओगे ये बातें बलिया की बांसडीह सीट से भाजपा विधायक केतकी सिंह ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं। उन्होंने कहा- मैं अयोध्या गैंगरेप पर अखिलेश के DNA वाले बयान की निंदा करती हूं। ये लोग वोट बैंक के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इनकी मानसिकता बहुत गंदी है। ये महिलाओं को वस्तु समझते हैं। PDA का नारा देकर संविधान बचाने की बात करते हैं, लेकिन अपराधी को बचाने में लगे हैं।भाजपा विधायक केतकी सिंह अपने आवास पर मीडिया से बात कर रही थीं। मेरी भी बेटी है, अखिलेश भी बेटियों के पिताकेतकी सिंह ने कहा- बच्ची के साथ इतना जघन्य अपराध हुआ, जिसने भी सुना, उसकी अंतरात्मा झकझोर गई। मैं पूछना चाहती हूं कि अखिलेश किस मिट्टी के बने हैं। मेरे पास भी बेटी है, उनके भी बेटियां हैं। ऐसे लोगों को सिर्फ वोट के लिए बचाएंगे, तो बेटियां कहां जाएंगी? मैं याद दिलाना चाहती हूं कि इनके नेता बयान दिया करते थे कि लड़के हैं, गलतियां हो जाती हैं। हम अपनी सुरक्षा क्या इस तरह के दरिंदों के हाथ में दे सकते हैं। महिलाएं आगे आएं और ऐसी सोच वालों को सबक सिखाएं। अपराधियों को सीएम की बुलेट ट्रेन का सामना करना पड़ेगाभाजपा विधायक ने कहा- सीएम ने विधानसभा में कहा कि अपराधियों के लिए सद्भावना नहीं, बुलेट ट्रेन चलेगी। जो समझते हैं कि उनके बाप का राज शुरू हो चुका है।
उन्हें सीएम की बुलेट ट्रेन का सामना करना पड़ेगा। मैं बताना चाहती हूं कि ये योगी आदित्यनाथ की सरकार है। इतने जूते खाओगे कि गिन नहीं पाओगे कि कहां पड़ा था। राम गोविंद चौधरी को हराकर विधायक बनीं केतकी2022 में केतकी सिंह पहली बार विधायक बनीं। उन्होंने सपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी को हराया। इससे पहले 2 बार 2012 और 2017 में बांसडीह विधासनसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। यूपी में ढाई करोड़ से ज्यादा लोग हो जाएंगे बेघर:नजूल बिल पर क्यों झुकी योगी सरकार, विधायकों का दबाव या कुछ और वजह यूपी में नजूल जमीन के मुद्दे पर सरकार को झुकना पड़ा। उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति विधेयक विधानसभा में पास होने के बाद विधान परिषद में अटक गया। योगी सरकार के लिए मुश्किल ये है कि भाजपा नेताओं ने भी इस मुद्दे पर आपत्ति जताई है। बिल के विरोध की बड़ी वजह यह है कि अगर ये लागू हुआ तो करीब ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों से उनके मकान, दुकान और प्रतिष्ठान छिन जाएंगे।