उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) ऑर्गन डोनेशन को लेकर अवेयरनेस बढ़ाने के मकसद से बड़ी पहल की गई है। SGPGI के साथ KGMU और लोहिया संस्थान (RMLIMS) में अंगदान करने पर मरीज के परिवार से इलाज का खर्च नहीं लिया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने इस विश्व अंगदान दिवस में मौके पर SGPGI में अपनी बात रखते हुए पार्थसारथी ने यह बड़ी बात कही है।
इस दौरान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने ऑर्गन डोनेशन के लिए अवेयेरनेस के साथ ट्रेंड मैनपॉवर डेवलप करने पर फोकस करने की बात कही। इस मौके पर ब्रेन डेड होने पर अंगदान के लिए 2 हेल्पलाइन नंबर 8004903155 और 1800114770 जारी किए गए। ऑर्गन डोनेशन के लिए अवेयरनेस और ट्रेनिंग जरूरीएक्सपर्ट्स ने प्रदेश में अंगदान बढ़ाने के लिए दाता परिवार के प्रोत्साहन, अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में सुधार और स्वास्थ्य देखभाल करने वालों के प्रोफेशनल प्रशिक्षण पर जोर दिया।
संस्थान निदेशक प्रो. आरके धीमन ने कहा कि अंगदान को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता सबसे ज्यादा जरूरी है। ब्रेन डेड होने पर किया जा सकता है ऑर्गन डोनेशनSGPGI के किडनी रोग विशेषज्ञ प्रो. मानस रंजन के मुताबिक कैंसर ग्रसित भी ब्रेन डेड होने पर अंगदान कर सकता है।
CVTS विभाग के प्रमुख प्रो. एसके अग्रवाल ने आयुष्मान भारत योजना में ट्रांसप्लांट को शामिल करने और यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. एमएस अंसारी ने ट्रांसप्लांट खर्च को कम करने पर जोर दिया। अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो. राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि अंगदान को बढ़ावा देने के लिए आगरा, गोरखपुर मेरठ, इलाहाबाद, कानपुर और झांसी मेडिकल कॉलेज में ट्रांसप्लांट नोडल ऑफिसर की तैनाती की गई है। मौके पर नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. नारायण प्रसाद, यूरोलॉजिस्ट व किडनी ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ प्रो. संजय कुमार सुरेका मौजूद रहे।