इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एच० एम० मौर्या भी उपस्थित थे। जिन्होंने इस प्रमुख विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर संस्था के काउंसिल सदस्य एव पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बी. बी. सिंह उपस्थित थे जिन्होंने मुख्य वक्ता का परिचय दिया उन्होंने बताया की जोखिम प्रबंधन निर्णय लेने की प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कई विकल्पों के बीच चुनाव किया जा सकता है जो "आवश्यक परिणाम" प्राप्त करते हैं। "आवश्यक परिणाम" कानून द्वारा निर्दिष्ट किया जा सकता है या औपचारिक जोखिम लागत लाभ विष्लेषण द्वारा निर्धारित किया जा सकता है या उदाहरण के लिए "उद्योग मानदंड" या "अच्छे अभ्यास " के लिए किसी अन्य प्रक्रिया द्वारा निर्धारित किया जा सकता है। इसके परिणामस्वरुप भौतिक, संपत्ति या पर्यावरणीय क्षति को कम करने के उपलब्ध संसाधनों की बाधाओं के भीतर जोखिमों को "स्वीकार्य" स्तर तक कम किया जाना चाहिए ।
इंजीनियरिंग में जोखिम प्रबंधन तात्कालीक जरूरतों से परे देखता है और आने वाले विभिन्न जोखिमों और अनिश्चितताओं का विष्लेषण और समायोजन करता है। इंजिनीयरों ने प्राकृतिक आपदाओं से लेकर तकनीकी खतरों तक प्रतिकूल घटनाओं के हानिकारक प्रभाव को कम करने में समुदायों की सहायता की है। इंजीनियर परियोजनाओं के राजनीतिक जोखिम प्रबंधन से भी चिंतित हैं। कार्यस्थल स्वास्थ्य और सुरक्षा उद्योग की परवाह किए बिना पहुंचानने और बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण मानक है। जोखिम को कम करने और कार्यस्थल पर खुशहाली को बढ़ावा देने के लिए पेशेवर कई प्रकार की व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रशासन अनुपालक सुरक्षा निरीक्षण जॉच सूचियों का उपयोग कर मकते हैं। उचित मुरक्षा नियमों के साथ, कर्मचारी अपने कार्य वातावरण में आत्मविश्वास और आरामदायक महसूस कर सकते हैं और आपने कर्तव्यों में उत्कृष्ता प्राप्त कर सकते हैं।
जब कर्मचारियों को अपनी दैनिक गतिविधियों में जोखिमों और खतरों का सामना करने के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती है, तो वे अपनी ऊर्जा विशिष्ट लक्ष्यों को पूरा करने और कार्यों को पूरा करने पर केंद्रित कर सकते हैं। इसलिए, मुरक्षा निरीक्षण चेकलिस्ट का उपयोग कार्यस्थल में उत्पादकता को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है । मभी के लिए जीत की स्थिति हैं।कार्यक्रम के प्रारम्भ में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कौंसिल मेम्बर एवं पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वी० बी० सिंह जी व अन्य गढ़मान्य सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम के संयोजक एच० एस० मौर्या ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया और कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम का ममापन वी० पी० सिंह ए मानद सचिव के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ !