नई दिल्ली (मानवी मीडिया): हाल ही में अमेरिका में पेश की गई एक नई रिसर्च ने अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी भूलने की बीमारियों के संबंध में महत्वपूर्ण खुलासा किया है। इस रिसर्च में 1 लाख से अधिक लोगों को शामिल किया गया और यह दो दशकों तक चली। अध्ययन में यह पाया गया है कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन भूलने की बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है।
रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों का आहार मुख्यतः अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स पर आधारित होता है, उनमें डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा अधिक होता है। डिमेंशिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है। अमेरिका अल्जाइमर्स एसोसिएशन की इस रिसर्च ने यह भी उजागर किया कि प्रोसेस्ड मीट का सेवन भी डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ाता है। सप्ताह में दो बार प्रोसेस्ड मीट खाने वालों की तुलना में, जो लोग इसे महीने में दो बार खाते हैं, उनमें डिमेंशिया का खतरा लगभग 10 प्रतिशत अधिक पाया गया है।
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स के अन्य प्रकारों के सेवन से भी यह खतरा बढ़ता है। प्रोसेस्ड फूड्स खाने वाले लोगों में, जो ऐसा भोजन नहीं करते, उनकी तुलना में डिमेंशिया का जोखिम 12 प्रतिशत अधिक होता है। यह खतरा केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं है; गलत खानपान किसी भी उम्र में इस बीमारी के होने के जोखिम को बढ़ा सकता है। इस रिसर्च के परिणामों के आधार पर, स्वास्थ्य विशेषज्ञ प्रोसेस्ड फूड्स के सीमित सेवन और संतुलित आहार पर जोर दे रहे हैं ताकि भूलने की बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सके।
बता दें, डिमेंशिया एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जो व्यक्ति की याददाश्त, सोचने की क्षमता और सामाजिक कौशल को प्रभावित करती है। डिमेंशिया में व्यक्ति अपने दैनिक कामकाज और सामान्य जीवन की गतिविधियों को भूलने लगता है। इस बीमारी का सबसे सामान्य लक्षण मैमोरी लॉस यानी याददाश्त की कमी होती है, लेकिन केवल भूलने की समस्या होने पर डिमेंशिया की पुष्टि नहीं की जा सकती। डिमेंशिया तब होता है जब रोजमर्रा की महत्वपूर्ण चीजें भी याद नहीं रहतीं।
डिमेंशिया के लक्षण
– भूलने की समस्या
– किसी काम की योजना बनाने में कठिनाई
– शब्दों को बोलने में परेशानी
– महत्वपूर्ण काम भूल जाना
– भ्रम की स्थिति में रहना
– किसी काम की योजना न बना पाना
अधिकतर मामलों में, अल्जाइमर बीमारी ही डिमेंशिया का प्रमुख कारण बनती है। यह समस्या आमतौर पर बुजुर्गों में देखी जाती है। डिमेंशिया के जोखिम फैक्टर में धूम्रपान, खराब खानपान, डिप्रेशन, और सिर में लगी गंभीर चोटें शामिल हैं।
डिमेंशिया से बचाव के उपाय
– अपने मस्तिष्क को सक्रिय रखें
– नशा करने से बचें
– विटामिन डी का सेवन करें
– नियमित रूप से एक्सरसाइज करें
– संतुलित और स्वास्थ्यवर्धक खानपान का ध्यान रखें
इन उपायों के पालन से डिमेंशिया के जोखिम को कम किया जा सकता है और स्वस्थ जीवन की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकते हैं।