लखनऊ : (मानवी मीडिया) डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में बाल रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नेहा ठाकुर ने दक्षिण पूर्व एशिया का पहला पीडियाट्रिक ट्रामा रिससिटेशन मॉड्यूल (पीटीआरएम) विकसित किया है। इस कोर्स को आईसीएमआर से मंजूरी मिल गई है। इस कोर्स को विकसित करने में केजीएमयू स्थित ट्रामा सेंटर के प्रो.समीर मिश्रा ने सहयोग किया है। दो दिन के इस कोर्स में डॉक्टरों को घायल बच्चों को समय रहते इलाज देने के गुर सिखाये जायेंगे।
दो दिन के कोर्स में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों प्रकार की जानकारी दी जायेगी। डॉ. नेहा ठाकुर ने पीडियाट्रिक ट्रामा रिससिटेशन कोर्स के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए डॉ. सागर गलवांकर के साथ समझौता ज्ञापन (MOU) साइन किया है। डॉ. नेहा ठाकुर ने यह एमओयू 9 अगस्त को एम्स भोपाल में आयोजित वार्षिक राष्ट्रीय आपातकालीन चिकित्सा सम्मेलन के दौरान साइन किया है। डॉ. नेहा ठाकुर को आरसीपीसीएच की प्रतिष्ठित फैलोशिप से भी सम्मानित किया गया है।
डॉ. नेहा ठाकुर ने अमृत विचार संवाददाता से हुई बातचीत में बताया है कि पीडियाट्रिक ट्रामा रिससिटेशन कोर्स का उद्देश्य घायल और गंभीर बीमार बच्चों को समय रहते गुणवत्तापूर्ण और सटीक इलाज देना है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में जो ट्रामा सेंटर हैं वहां पर वयस्क और बच्चों दोनों का इलाज किया जाता है,
लेकिन इस कोर्स के शुरू हो जाने से डॉक्टर घायल बच्चों का समय रहते सटीक इलाज करने के लिए प्रशिक्षित होंगे। इसका फायदा दूर दराज के क्षेत्रों के मरीजों को भी मिल सकता है। उन्होंने बताया कि इस कोर्स का पहला ट्रेनिग ऑफ टीचर्स सत्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। जिसमें एम्स, नई दिल्ली, सीएमसी वेल्लोर, यूसीएमएस दिल्ली, एम्स जोधपुर के चिकित्सको को कनाडा और यूएसए से आई विशेषज्ञों की टीम ने प्रशिक्षित किया था।