लखनऊ- (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार केवी राजू तथा प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र सिंह सहित कृषि विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा हैदराबाद में नेशनल सीड एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया तथा सीड्समैन एसोसिएशन ऑफ़ आंध्र प्रदेश की लगभग 35 कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की।
उपरोक्त बैठक में अध्यक्ष नेशनल सीड एसोसिएशन के प्रभाकर राव ने मंत्रीद्वय का का स्वागत कर एसोसिएशन की ओर से विभिन्न बिंदुओं पर अपने प्रस्ताव एवं सुझाव रखे। माननीय मंत्री जी द्वारा उन्हें अवगत कराया गया कि प्रदेश में लखनऊ, गोरखपुर, बरेली, लखीमपुर एवं बांदा में सीड प्रोसेसिंग के पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री योगी के विजन को आगे बढ़ाने के लिए साथ ही आदरणीय प्रधानमंत्री जी का देश को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने के लक्ष्य में कृषि क्षेत्र के लक्ष्य सीड रिप्लेसमेंट उपज बढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इसके लिए उच्च प्रजाति के हाइब्रिड बीज को विभिन्न फसलों जैसे धान मक्का, दलहन, तिलहन, श्रीअन्न आदि के प्रसंस्करण के क्षेत्र में काम करने के लिए उत्तर प्रदेश में उनका स्वागत किया। माननीय मंत्री जी द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश में पर्याप्त कृषि योग्य भूमि है इसके साथ ही 85 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रफल सिंचित है इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में 9 कृषि जलवायु प्रदेश हैं। ऐसे में इन सभी क्षेत्रों के लिए कृषि बीजों को प्रोसेस करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही अच्छी प्रजातियों के अनुसंधान के लिए भी उनके द्वारा देश के सभी महत्वपूर्ण कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश करने का आमंत्रण दिया गया।
देश की लगभग 35 बीज उत्पादक कंपनियों के प्रतिनिधियों ने इस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया। उनके द्वारा निवेश किए जाने हेतु उत्तर प्रदेश को संभावनाओं से भरपूर स्थान होने के विषय में अवगत कराया गया। उनके द्वारा बड़े एवं मध्यम सीड पार्क स्थापित करने के लिए सुझाव दिए गए। जिसके लिए माननीय मंत्री जी ने बताया कि अगले दो महीनों में सीड पार्क नीति लागू कर रबी, खरीफ जायद की विभिन्न फसलों के बीजों के उत्पादन के लिए सहयोग लिया जाएगा। उपरोक्त के संदर्भ में उनके द्वारा यह भी बताया गया कि कृषि क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में व्यापक सुधार आया है। इसका प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश कई खाद्यान्नों तथा दूध के उत्पादन में देश में नंबर एक स्थान पर है।
बीज प्रोसेसिंग कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के द्वारा प्रदेश सरकार के प्रेजेंटेशन का अवलोकन किया गया। माननीय मंत्री जी ने प्रेजेंटेशन के संबंध में कंपनियों के प्रतिनिधियों से एक सप्ताह के भीतर सुझाव मांगे हैं। यहां उल्लेखनीय है कि इन बीज कंपनियों के तीन प्रक्षेत्रों का निरीक्षण उत्तर प्रदेश से आए पूरे दल द्वारा किया गया।
उत्तर प्रदेश के दल द्वारा कृषि मंत्री के नेतृत्व में गुरुवार को हैदराबाद में अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) का भ्रमण किया गया तथा संस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक की गई। ICRISAT में मूँगफली के अच्छे बीज हैं। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में अच्छी मूंगफली की खेती होती है। ICRISAT के सहयोग से मूंगफली के उच्च प्रजाति के बीज से उत्तर प्रदेश में मूंगफली की खेती को बढ़ाया जाएगा। साथ ही ।CRISAT का एक उप केन्द्र उप्र0 में संचालित करने का भी अनुरोध किया। उ०प्र0 सरकार इसके लिए ICRISAT को भूमि उपलब्ध कराएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि बाज़रा, ज्वार, सावाँ, कोदों और मडुवा के उच्च गुणवत्ता के बीज ICRISAT से उत्तर प्रदेश को मिले जिससे मिलेट्स की खेती को और बढ़ाया जा सके।
इस अवसर पर इक्रीस्सेट की महानिदेशक डॉ जैकलीन ह्यूज़स, विक्टर आफरी सेफा जी (ICRISAT), सीन मायेस (ICRISAT), लाइडिया मुरिमी (ICRISAT), उत्तर प्रदेश बीज प्रमाणीकरण के निदेशक एस.बी. सिंह जी, अपर निदेशक बीज/ परिक्षेत्र अरविंद कुमार सिंह , उपनिदेशक कृषि बीज एवं प्रक्षेत्र एके श्रीवास्तव , पूर्व निदेशक कृषि बीपी सिंह उपस्थित थे।