कोलकाता : (मानवी मीडिया) आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले की जांच जारी है। सीबीआई इस केस के आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती है जिसकी उसे मंजूरी मिल गई है। एक अधिकारी ने बताया कि जांच एजेंसी ने अभी इस टेस्ट के लिए तारीख तय नहीं की है। उन्होंने कहा कि नियमों के हिसाब से आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होता है जो उससे पूछेगा कि क्या वह पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमत है। इस बीच, संजय रॉय को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां निकलकर सामने आई हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि संजय रॉय घटना वाली रात (8 अगस्त) रेड लाइट एरिया में गया था। यहां पर उसने शराब भी पी थी।रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी संजय रॉय अपने एक साथी के संग 8 अगस्त की आधी रात के बाद सोनागाछी गया था जो कि उत्तरी कोलकाता का रेड लाइट एरिया है। इस दौरान रॉय ने शराब पी। उसका साथी एक वेश्या के घर चला गया मगर वह बाहर ही खड़ा रहा। सूत्रों ने बताया कि रात करीब 2 बजे ये दोनों दक्षिण कोलकाता के चेतला की रेड लाइट एरिया में भी गए। इस दौरान रॉय ने वहां से गुजर रही एक महिला को छेड़ा भी था। बताया जा रहा है कि उसने एक महिला को फोन किया और उसे न्यूड फोटो भेजने के लिए कहा था। इस बीच, रॉय के दोस्त ने किराए पर बाइक ली और अपने घर चला गया।
शराब पीते हुए देखता रहा पोर्न संजय रॉय भोर में करीब 3.50 बजे आरजी कर अस्पताल आया। इस दौरान उसे ट्रॉमा यूनिट के आसपास छिपते हुए देखा गया। नशे की हालत में वह ऑपरेशन थियेटर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गया। वह सुबह करीब 4.03 बजे हॉस्पिटल के इमरजेंसी विंग में पहुंचा और सीधे तीसरी मंजिल के सेमिनार हॉल में चला गया। रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस की पूछताछ में संजय ने यह कबूल किया कि ट्रेनी डॉक्टर सो रही थी, जब उसने वहां पर उसे देखा। वह उसके ऊपर कूद पड़ा और उसके साथ बलात्कार किया। यह बात भी निकलकर सामने आई है कि आरोपी ने शराब पीने के दौरान पोर्न देखा था। वह अक्सर ऐसा करता रहता था।
9 अगस्त को सेमिनार हॉल में मिला शव बता दें कि ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। शव पर गंभीर चोटों के निशान थे। बलात्कार और हत्या की इस घटना में संलिप्तता को लेकर अगले दिन ही कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया। इस बीच, सीबीआई ने उसके एक अधिकारी के नाम से सोशल मीडिया में वायरल उस पत्र को फर्जी करार दिया है, जिसमें बाहरी हस्तक्षेप के कारण उन्होंने इस मामले की जांच से हटने का अनुरोध किया है। ब्यूरो ने कहा कि यह पत्र पूरी तरह फर्जी है। इस मामले की जांच ब्यूरो के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय के अधीन की जा रही है।