लखनऊ (मानवी मीडिया) विधान परिषद सदस्य कुंवर अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पासी समाज को लेकर बड़ी मांग की है। पत्र के जरिए कुंवर अक्षय प्रताप ने प्रधानमंत्री मोदी से भारतीय सेना में ‘पासी रेजिमेंट’ को शामिल करने का अनुरोध किया है। अक्षय प्रताप ने इसके पीछे कारण बताते हुए लिखा है कि, पासी समाज लंबे समय से भारतीय सेना में ‘पासी रेजिमेंट’ स्थापित करने की मांग कर रहा है।अपने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी से सेना में पासी रेजिमेंट की स्थापना करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, देश में पासी समाज ने मुग़लों से लेकर अंग्रेजों तक लड़ाई लड़ी है पासी समाज की 21 उपजातियाँ है जिन्होंने मुग़लों से लंबा संघर्ष किया इस समाज ने भारतीय संस्कृति एवं सनातन की रक्षा के लिए मुग़लो से अपनी जान की बाज़ी लगा दी पासी समाज के लड़ाकों के साथ साथ उसकी वीरांगनाओं ने भी अपने समाज और आबरू बचाने के लिए सुअर पालने शुरू की जहाँ सुअर होते थे वहाँ मुगल अक्रांता जाने से परहेज़ करते थे पासी समाज ने अपने पौरुष और रण कौशल से हिंदू समाज के रक्षक के रूप में लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी आज़ादी के बाद से थानों में पासी
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Sunday, August 25, 2024
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विधान परिषद सदस्य कुंवर अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पासी समाज को लेकर बड़ी मांग की
विधान परिषद सदस्य कुंवर अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पासी समाज को लेकर बड़ी मांग की
लखनऊ (मानवी मीडिया) विधान परिषद सदस्य कुंवर अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पासी समाज को लेकर बड़ी मांग की है। पत्र के जरिए कुंवर अक्षय प्रताप ने प्रधानमंत्री मोदी से भारतीय सेना में ‘पासी रेजिमेंट’ को शामिल करने का अनुरोध किया है। अक्षय प्रताप ने इसके पीछे कारण बताते हुए लिखा है कि, पासी समाज लंबे समय से भारतीय सेना में ‘पासी रेजिमेंट’ स्थापित करने की मांग कर रहा है।अपने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी से सेना में पासी रेजिमेंट की स्थापना करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, देश में पासी समाज ने मुग़लों से लेकर अंग्रेजों तक लड़ाई लड़ी है पासी समाज की 21 उपजातियाँ है जिन्होंने मुग़लों से लंबा संघर्ष किया इस समाज ने भारतीय संस्कृति एवं सनातन की रक्षा के लिए मुग़लो से अपनी जान की बाज़ी लगा दी पासी समाज के लड़ाकों के साथ साथ उसकी वीरांगनाओं ने भी अपने समाज और आबरू बचाने के लिए सुअर पालने शुरू की जहाँ सुअर होते थे वहाँ मुगल अक्रांता जाने से परहेज़ करते थे पासी समाज ने अपने पौरुष और रण कौशल से हिंदू समाज के रक्षक के रूप में लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी आज़ादी के बाद से थानों में पासी
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