लखनऊः (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में राजभवन में नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में नगर निगम के क्षेत्र में आने वाले राज्य विश्वविद्यालयों पर नगर विकास विभाग द्वारा गृह कर, जलकर, सीवर कर से संबंधित अधिनियमों पर चर्चा हुई। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग के वैधानिक प्रावधानों तथा नगर निगम कारपोरेशन प्रॉपर्टी टैक्स नियम आदि पर चर्चा हुई। बैठक में विभिन्न राज्यों के संबंधित वैधानिक प्रावधानों पर भी चर्चा हुई।बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जल कर, सीवर कर, गृह कर आदि के संबंध में नगर विकास विभाग के नियमों को अद्यतन व संशोधित किया जाए। उन्होंने ऊर्जा एवं जल संरक्षण की आवश्यकता बताते हुए कहा कि पानी की बर्बादी ना करें, उसकी महत्ता समझें।
उन्होंने नगर विकास विभाग द्वारा राज्य विश्वविद्यालयों पर कर निर्धारण के संबंध में विभिन्न राज्यों के संशोधित नियमों का अध्ययन करने हेतु निर्देशित किया। राज्यपाल ने नगर विकास विभाग द्वारा विश्वविद्यालय पर लगाए गए करो की समीक्षा करते हुए कहा कि मानक के अनुसार टैक्स लगाया जाए तथा इस संदर्भ में विश्वविद्यालय एवं नगर विकास के पदाधिकारी के सामंजस्य से एक सेल बनाया जाए जो युक्ति संगत करों का आकलन कर सके। उन्होंने कहा कि नवनिर्मित विश्वविद्यालय के बारे में भी सोचा जाए तथा चुनाव दौरान व शासकीय कार्यो हेतु विश्वविद्यालय के भवनों व परिसर के इस्तेमाल के बाद उसे सही तरीके से मरम्मत करा कर तब विश्वविद्यालय को सौंपा जाए।
इस अवसर पर प्रदेश के नगर विकास मंत्री ए0 के0 शर्मा ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नगर विकास द्वारा आरोपित कर के संदर्भ में विभिन्न राज्यों के नियमों का अध्ययन किया जाए व कर लगाने के पीछे युक्ति संगत कारण होना चाहिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, कुलपति ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, प्रोफेसर एन0 बी0 सिंह, नगर आयुक्त लखनऊ आदि उपस्थित रहे तथा राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण एवं नगर आयुक्त ऑनलाइन जुड़े रहे।