लखनऊ : (मानवी मीडिया) संविदा और आउटसोर्सिंग महिला ANM कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। पहले चारबाग से विधानसभा तक पैदल मार्च का कार्यक्रम था, जिसे कैंसिल कर दिया गया। हालांकि, प्रदेशभर से जुटी महिला ANM कर्मचारियों ने अपनी आवाज बुलंद की। ANM कर्मियों ने साफ कहा कि, सरकार हमारा शोषण कर रही है। हमें स्थायी नहीं किया जा रहा। समान काम का समान वेतन नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं, कार्यस्थल पर कई तरह से हमें प्रताड़ित किया जाता है। विरोध करने पर भी कार्रवाई नहीं की जाती है। ANM कर्मियों ने कहा कि हम 6-7 साल से काम कर रहे हैं, स्थायी किया जाना चाहिए।
प्रदेश भर से संविदाकर्मी शामिलप्रदर्शन की अगुवाई करने वाले नेता कामरेड विजय विद्रोही ने बताया कि उत्तर प्रदेश NHM-ANM कर्मचारी, यूनियन संबद्ध ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) के आह्वान पर स्थायीकरण, समान कार्य-समान वेतन लागू किए जाने की मांग की गई है। इसके अलावा गृह जनपद में नियोजन की स्थानांतरण नीति बनाने भी मांग की गई।
वेतन के बदले उगाही पर रोक लगाने जैसी कई मांगो को लेकर प्रदेशभर की ANM कर्मियों ने प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि महिला कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ जैसी घटनाएं आम हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन फॉलो नहीं की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि महिलाएं जहां काम करती हैं, वहां विशाखा कमेटी बननी चाहिए, जो महिलाओं की प्रताड़ना संबंधी शिकायतों पर कार्रवाई करे। यह कमेटी कागजों पर तो होती है लेकिन धरातल पर कहीं दिखाई नहीं देती। प्रयागराज में महिला से छेड़छाड़ हुई और जांच के बाद आरोपी को फिर से वहीं पोस्टिंग दे दी गई।