बागपत : (मानवी मीडिया) बड़ौत क्षेत्र के 30 से अधिक गांवों में तेंदुए का आतंक है। आएदिल तेंदुए गांवों में दिखाई दे रहे हैं। मवेशियों का शिकार कर रहे हैं। ऐसे में शाम ढलते ही लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं। खास तौर पर लोगों को अपने बच्चों की सुरक्षा का डर सता रहा है। मगर वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी गश्त करने के बजाय दफ्तारों की शोभा बढ़ा रहे हैं। जिले के गांवों में तेंदुए की दहशत बनी हुई है।
तेंदुआ कई मवेशियों को मार चुका है। पिछले साल सितंबर माह में बिजवाड़ा गांव के जंगल में किसान सुनील पर ज्वार काटते समय तेंदुआ हमला कर चुका है। शाहपुर बाणगंगा गांव के जंगल के अलावा किशनपुर बिराल गांव में हाईवे पर तेंदुआ मिला। अब निरपुड़ा गांव के जंगल में मादा शावक का शव मिला है। आए दिन किसी ना किसी गांव में किसानों को तेंदुआ दिखाई दे रहा है।
इससे शाम ढलते ही ग्रामीणों की आवाजाही कम होने लगी है। इसी कारण गन्ने को बांधने के लिए खेत में मजदूर जाने से डर रहे हैं। अभी भी क्षेत्र के निरपुड़ा, दाहा, टीकरी, दोघट, पुसार, बामनौली, रहतना, बरनावा, बिनौली, संतनगर, शाहपुर बागणंगा, बुढपुर, रमाला समेत 30 से अधिक गांवों में लगातार तेंदुए किसानों को जंगली जानवर का शिकार करते नजर रहे हैं। क्षेत्रवासियों रविंद्र, अमित, बबलू मलिक, सोनू तोमर, कपिल आदि का कहना है कि जनपद में तेंदुए घूम रहे हैं, लेकिन वन क्षेत्राधिकारी बड़ौत, डिप्टी रेंजर से लेकर जनपद के अन्य अधिकारी व कर्मचारियों का कार्यालय से मोहभंग नहीं हो रहा है। लोग तेंदुआ-तेंदुआ चिल्ला रहे हैं और अधिकारी फील्ड में जा ही नहीं रहे हैं।