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Tuesday, August 13, 2024

नीतीश सरकार का बड़ा ऐलान, वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनेंगे 21 मदरसे


पटना : (मानवी मीडिया) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश का ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने वक्फ बोर्ड की जमीन पर 21 नए मदरसे बनाने की बात कही है। सीएम नीतीश के इस फैसले पर खुशी जताते हुए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के नाम पर राजनीति करने वाले लोग केवल राजनीति करते हैं। लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में अल्पसंख्यकों का सच में विकास हुआ है। सीएम नीतीश के इस फैसले पर तेलुगु देशम पार्टी ने भी अपना समर्थन जताया है।

टीडीपी की ओर से जीएम हरीश ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया था। नए बिल के प्रावधान की बात करें तो जमीन विवाद मामले में ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट, हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है। इससे पहले वक्फ बोर्ड अगर किसी जमीन पर दावा करता था तो उस मामले का निपटारा केवल ट्रिब्यूनल में ही किया जाता था।

नीतीश कुमार को अल्पसंख्यकों का सपोर्ट

नीतीश कुमार की राजनीति को समझने वाले या उनकी पिछले तीन दशकों की राजनीति को जानने वाले समझते हैं कि वो मुस्लिम वोट्स को कितना महत्व देते हैं। वो बीजेपी के साथ जरूर चले गए हैं पर उन्होंने मुस्लिम वोटों की कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। इसलिए हमेशा से वो अल्पसंख्यकों के हर मुद्दे पर उनके साथ खड़ा होने की कोशिश करते दिखते हैं। एनडीए से पहली बार उन्होंने नरेंद्र मोदी के चलते दूरी बनाई थी। सीएए के मुद्दे पर वो हमेशा बीजेपी से अलग स्टैंड लेते रहे।

नए बिल को दो पार्टियों का समर्थन

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर अभी तक यह समझा जा रहा है कि बीजेपी को उसके दो सबसे महत्वपूर्ण सहयोगियों जेडीयू और तेलुगुदेशम पार्टी का समर्थन हासिल है। केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह द्वारा गुरुवार को लोकसभा में एनडीए सरकार के वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के समर्थन में दिए गए बयान से बीजेपी उत्साह में है। पर जेडीयू में इस बिल को लेकर लगातार मतभेद सामने आ रहे हैं।

कोटे में भी अलग कोटा

सुप्रीम कोर्ट के दलित सब कोटे पर पहली अगस्त को दिए फैसले से नीतीश कुमार और जेडीयू बहुत उत्साहित थे। दरअसल नीतीश कुमार ने 2007 में महादलित का कॉन्सेप्ट लाया था। नीतीश सरकार ने बिहार में महादलित जातियों के लिए कई योजनाएं अलग से बनाई हैं। ओबीसी कोटे में भी अलग कोटा नीतीश कुमार ने बनाया। 2023 में उन्होंने कानून बनाकर पिछड़े और अति पिछड़ों के लिए अलग अलग आरक्षण बढ़ाने का काम किया।

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