लखनऊ : (मानवी मीडिया) राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज राजभवन में संस्था “घर आई नन्ही परी“ द्वारा “विकसित भारत 2047 एवं आत्मनिर्भर महिलाएं“ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि महिलाएं अपनी शक्ति, ताकत और कौशल को समाज के कल्याण एवं देश के विकास हेतु उपयोग करें।
उन्होंने कहा कि आज महिलाओं का समाज में मान-सम्मान बढ़ा है तथा उन्हें अनेक सुविधाऐं भी उपलब्ध हुई हैं। राज्यपाल ने कार्यक्रम में उपस्थित महिला ग्राम प्रधानों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों को मिले बजट का उपयोग ग्राम की समस्याओं के निस्तारण हेतु योजनाबद्ध तरीके से किया जाये। उन्होंने कहा कि गांव की आवश्यकताओं की सूची बनाएं एवं प्राथमिकता के अनुसार कार्य शुरू किया जाए तथा केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दिए गए ग्रांट का उपयोग पूरी रणनीति और प्रबंधन के साथ ग्राम विकास में करें।
राज्यपाल ने अपने गुजरात के कार्यानुभवों को साझा करते हुए कहा कि वर्तमान युग तकनीक का है, इसलिए तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम प्रधानों से आंगनबाड़ी केंद्रों पर ध्यान दिये जाने की अपील की तथा गांव में संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन हो एवं आंगनबाड़ी केंद्र में शिक्षा पूर्ण करने के बाद उनमें ड्रॉपआउट न हो तथा उनका कक्षा एक में दाखिला सुनिश्चित हो। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत वर्ष 2030 तक उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत युवाओं का प्रवेश सुनिश्चित हो। उन्होंने ग्राम प्रधानों से विकसित गांव बनाने का आह्वान किया व कहा कि जब प्रत्येक गांव विकसित बनेगा तो भारत स्वयं विकसित हो जाएगा।आज के कार्यक्रम में राज्यपाल ने सभी से ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान अंतर्गत वृक्षारोपण मे हिस्सा लेने का आह्वान किया।
इस अवसर पर संस्था से जुड़े विधान परिषद सदस्य डॉ0 अवनीश सिंह ने कहा कि बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए एवं वर्तमान समय में हर क्षेत्र में बालिकाएं अपना परचम लहरा रही हैं। महिलाओं ने अवसरों को उपलब्धियों में तब्दील किया है। इस अवसर पर संस्था की संस्थापक ईभा सिंह पटेल ने संस्था का संक्षिप्त परिचय, अपने कार्य अनुभव तथा संस्था के 03 वर्ष की यात्रा का अनुभव साझा किया।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत हेतु महिला प्रधानों को आत्मनिर्भर बनाना, उनको सशक्त करना और प्रत्येक बालिका की शिक्षा सुनिश्चित करना संस्था का उद्देश्य है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आई महिला ग्राम प्रधानों ने अपने पंचायत के विकास हेतु किए जा रहे प्रयासों को साझा किया। इसमें जनपद बांदा, कानपुर देहात, फिरोजाबाद, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, बदायूं, प्रतापगढ़, अमेठी, कानपुर नगर आदि से आये ग्राम प्रधान महिलाएं शामिल रही।
इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आई महिला ग्राम प्रधानों व एस0एच0जी0 ग्रुप की महिलाओं को अपने क्षेत्र के विकास हेतु उत्कृष्ट कार्य किये जाने पर राज्यपाल द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किया गया। कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय चिनहट की 20 छात्राओं को राज्यपाल महोदया द्वारा स्कूल बैग, पाठ्य सामग्री व प्रमाण पत्र आदि वितरित किए गए।
इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आई महिला ग्राम प्रधानों व एस0एच0जी0 ग्रुप की महिलाओं को अपने क्षेत्र के विकास हेतु उत्कृष्ट कार्य किये जाने पर राज्यपाल द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किया गया। कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय चिनहट की 20 छात्राओं को राज्यपाल महोदया द्वारा स्कूल बैग, पाठ्य सामग्री व प्रमाण पत्र आदि वितरित किए गए।
राज्यपाल ने ‘‘हमारा राजभवन’’ तथा ‘‘लोकहित के मुख्य स्वर’’ पुस्तक संस्था की संस्थापक को प्रदान किया। कार्यक्रम में संस्था द्वारा ‘‘घर आई नन्ही परी’’ पुस्तक एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद राज्यपाल को भेंट की गई। ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश एवं गुजरात में सक्रिय संस्था “घर आई नन्ही परी“ की स्थापना के तीन वर्ष पूरे होने पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। संस्था द्वारा उत्तर प्रदेश की 100 से अधिक ग्राम पंचायत में 7000 नवजात बच्चियों, महिला ग्राम प्रधानों और माताओं को सम्मानित किया जा चुका है।