कानपुर : (मानवी मीडिया) नमस्ते वियतनाम 2024 समारोह का पहला दिन भारत-वियतनाम के बीच सांस्कृतिक एवं सामाजिक रिश्ते बढ़ाने और दूसरा दिन उच्च शिक्षा में सहयोग और समर्थन को समर्पित रहा। वियतनाम व भारत के बीच उच्च शिक्षा संबंधों को नए स्तर पर पहुंचाने और भारतीय विश्वविद्यालयों में वियतनामी छात्र-छात्राओं को आकर्षित करने के लिए एजुकेशन फेयर लगाया गया। वियतनामी छात्र-छात्राओं ने सीएसजेएमयू में शिक्षा ग्रहण करने को लेकर आकर्षण नजर आया। एजुकेशन फेयर में भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष और सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो.विनय कुमार पाठक ने कहा कि भारत और वियतनाम के संबंध सदियों पुराने हैं।
प्राचीन समय में भी वियतनाम के छात्र व स्कॉलर्स भारत में शिक्षा और बुद्धिस्ट ज्ञान के लिए यात्रा करते रहे हैं। तक्षशिला विश्वविद्यालय में वियतनाम से तमाम छात्र और बौद्ध भिक्षु शिक्षा व शोध के लिए आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार वियतनाम के साथ तकनीकी, व्यापार और उच्च शिक्षा को नए स्तर पर पहुंचाने के लिए प्रयासरत है।भारतीय विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षण संस्थान इसमें सहयोग के लिए तैयार हैं। उत्तर प्रदेश में वाराणसी, कुशीनगर समेत अनेक प्राचीन बौद्ध केंद्र, विरासत, बौद्ध शिक्षा व परंपराओं के केंद्र मौजूद है, जहां आकर वियतनाम के छात्र व स्कॉलर्स ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। भारत के अनेकों विश्वविद्यालयों में बौद्ध शिक्षा, हिंदू शिक्षा, योग, नृत्य, कृषि जैसे विषयों में वियतनाम के छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षण व शोध के अवसर उपलब्ध हैं।