उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) अवैध डिग्री पर नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है। इसके आधार पर दो महिला टीचरों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। आरोप लगा है कि महिला टीचरों ने बेसिक शिक्षा विभाग को भी अवैध डिग्री की जानकारी नहीं दी थी। अब इनको नौकरी से बर्खास्त करने के साथ ही अब तक लिए गए वेतन की वसूली की जाएगी। ये दोनों 19 साल से नौकरी कर रही हैं, अब वसूली करोड़ों रुपये में हो सकती है।
जानकारी के मुताबिक मान्धाता और सरोजलता ने छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित दून इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से बीएड किया था। हालांकि यूजीसी ने इस यूनिवर्सिटी को अवैध घोषित कर दिया था। दोनों इसके बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग में अवैध डिग्री पर नौकरी कर रही थीं। यूपी एसटीएफ ने दोनों को पकड़ लिया है। इनके खिलाफ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट भी भेजी गई है।
मान्धाता और सरोजलता की ज्वाइनिंग वर्ष 2005 में हुई थी। इसके बाद से विभाग ने सैलरी के तौर पर करीब तीन करोड़ रुपये का वेतन दिया है। बताया जा रहा है कि जांच पूरी होने के बाद दोनों से वेतन मिले रुपये की वसूली की जाएगी। वहीं बताया जा रहा है कि अक्टूबर 2003 में और सरोजलता ने फरवरी 2005 में दून इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से बीएड पास किया था।
इन दिनों मान्धाता की अकबरपुर शिक्षाक्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय गौरा में तैनाती है। वहीं एरोजलता की प्राथमिक विद्यालय बरौरा में तैनाती है। इस मामले में बीएसए भोलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि यूपी एसटीएफ एसएसपी ऑफिस से दोनों महिला शिक्षकों को लेकर फर्जी डिग्री से जुड़े मामले की जानकारी मिली है। दोनों महिला टीचरों ने जवाब मांगा गया है। जवाब के आधार पर कार्रवाई तय की जाएगी।