लखनऊ : (मानवी मीडिया) राजधानी के एकेटीयू में फर्जी बैंक अधिकारी बनकर 120 करोड़ की ठगी करने वाले मुख्य आरोपी अनुराग श्रीवास्तव को साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस प्रकरण पर पुलिस ने अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जबकि मुख्य आरोपी अनुराग फरार था। अनुराग ने 12 जून को यूनियन बैंक का मैनेजर बनकर एकेटीयू में जालसाजी की थी। बतादें कि यूनियन बैंक के मैनेजर अनुज कुमार सक्सेना ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी ब्रांच से जालसाज ने बैंक का ऑफर लेटर लेकर एकेटीयू से 120 करोड़ की धोखाधड़ी की।
जालसाज ने बापू भवन के सामने स्थित यूनियन बैंक में एकेटीयू के खाते की एफडी कराने की बात कही थी। बैंक मैनेजर ने अपना विजिटिंग कार्ड और ऑफर लेटर दे दिया, जिसे जालसाज ने एडिट करके अपने नाम से बना लिया था। इसके अलावा यूनियन बैंक और एकेटीयू की फर्जी मेल आईडी बनाई। इसके बाद एकेटीयू में खुद को बैंक मैनेजर बताते हुए पहुंचा था। यहां एफडी में सबसे ज्यादा इंटरेस्ट देने का लालच दिया। इसपर एकेटीयू का फाइनेंस ऑफिसर अनुराग के झांसे में आ गया और 120 करोड़ की एफडी कराने के लिए तैयार हो गया। एकेटीयू का आथारिटी लेटर व केवाईसी लेकर 120 करोड़ आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर करवा लिए।
जालसाजी पता चलने पर यूनियन बैंक प्रबंधन की तरफ से प्रकरण की शिकायत साइबर क्राइम थाने में हुई थी। मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस ने तीन टीमों का गठन किया था। सर्विलांस की मदद से अमरौली सूरत गुजरात के रहने वाले देवेंद्र जोशी, अहमदाबाद के रहने वाले उदय पटेल, उन्नाव के रहने वाले राजेश बाबू, बीकेटी के गिरीश चंद्र, महानगर के शैलेश कुमार रघुवंशी, मुसाफिर खाना अमेठी के रहने वाले दस्तगीर आलम, गांधीनगर बस्ती के रहने वाले कृष्णकांत को गिरफ्तार किया गया था। जबकि मामले का मास्टर माइंड अनुराग श्रीवास्तव मौके से फरार हो गया था। साइबर क्राइम टीम ने मंगलवाल को हरैया, बस्ती के रहने वाले अनुराग श्रीवास्तव पुत्र उमेश श्रीवास्तव को फैजाबाद से गिरफ्तार किया। पुलिस ने 119 करोड़ रुपए रिकवर कर चुकी है, जबकि 1 करोड़ की रिकवरी होनी बाकी है।