प्रयागराज : (मानवी मीडिया) पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा-2022 में एक नहीं, बल्कि 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदली थीं। एक अभ्यर्थी के हाईकोर्ट पहुंचने के बाद हुई जांच में खुलासा होने पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पांच अधिकारियों को दोषी करार देते हुए तीन को निलंबित कर दिया। पर्यवेक्षणीय अधिकारी उपसचिव सतीशचंद्र मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई, जबकि एक रिटायर्ड महिला अधिकारी के खिलाफ शासन से अनुमति मांगी है। मुख्य परीक्षा में अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि कॉपी पर उनकी हैंडराइटिंग नहीं है। कॉपी बदले जाने के सनसनीखेज आरोपों पर हाईकोर्ट ने आयोग से जवाब-तलब किया था। इसके बाद कराई जांच में खुलासा हुआ कि एक नहीं, 25-25 कॉपियों के दो बंडल (कुल 50 कॉपियां) बदले गए हैं। इस पर आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के निर्देश पर अनुभाग अधिकारी शिवशंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया गया। पर्यवेक्षणीय अधिकारी उपसचिव मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई। उन्हें आरोप पत्र जारी किया जाएगा। सेवानिवृत्त हो चुकीं सहायक समीक्षा अधिकारी चंद्रकला को भी दोषी पाया गया है। सेवानिवृत्त कर्मचारी के खिलाफ आयोग सीधे कार्रवाई नहीं कर सकता। सो, नियम 351-ए के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। मंजूरी मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। आयोग इस गलती को मानवीय भूल भले ही बता रहा है, लेकिन यह घटना असामान्य है। इसका असर परिणाम पर भी पड़ सकता है। दरअसल, पीसीएस-जे की मुख्य परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन से पहले 25-25 कॉपियों का बंडल तैयार किया गया था।
प्रयागराज : (मानवी मीडिया) पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा-2022 में एक नहीं, बल्कि 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदली थीं। एक अभ्यर्थी के हाईकोर्ट पहुंचने के बाद हुई जांच में खुलासा होने पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पांच अधिकारियों को दोषी करार देते हुए तीन को निलंबित कर दिया। पर्यवेक्षणीय अधिकारी उपसचिव सतीशचंद्र मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई, जबकि एक रिटायर्ड महिला अधिकारी के खिलाफ शासन से अनुमति मांगी है। मुख्य परीक्षा में अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि कॉपी पर उनकी हैंडराइटिंग नहीं है। कॉपी बदले जाने के सनसनीखेज आरोपों पर हाईकोर्ट ने आयोग से जवाब-तलब किया था। इसके बाद कराई जांच में खुलासा हुआ कि एक नहीं, 25-25 कॉपियों के दो बंडल (कुल 50 कॉपियां) बदले गए हैं। इस पर आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के निर्देश पर अनुभाग अधिकारी शिवशंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया गया। पर्यवेक्षणीय अधिकारी उपसचिव मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई। उन्हें आरोप पत्र जारी किया जाएगा। सेवानिवृत्त हो चुकीं सहायक समीक्षा अधिकारी चंद्रकला को भी दोषी पाया गया है। सेवानिवृत्त कर्मचारी के खिलाफ आयोग सीधे कार्रवाई नहीं कर सकता। सो, नियम 351-ए के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। मंजूरी मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। आयोग इस गलती को मानवीय भूल भले ही बता रहा है, लेकिन यह घटना असामान्य है। इसका असर परिणाम पर भी पड़ सकता है। दरअसल, पीसीएस-जे की मुख्य परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन से पहले 25-25 कॉपियों का बंडल तैयार किया गया था।