अस्ताना : (मानवी मीडिया) कजाकिस्तान के अस्ताना शहर में आयोजित हो रहे संघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हिस्सा लिया। शंघाई सहयोग संगठन की यह 24वीं बैठक है। इसका आयोजन तीन से चार जुलाई तक यानी दो दिवसीय रहा। इस मौके पर एस जयशंकर आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को पनाह देने की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। सीमा पार आतंकवाद का निर्णायक जवाब देने की आवश्यकता है विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि चुनौतियों की बात करें तो आतंकवाद निश्चित रूप से हममें से कई लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होगा। सच्चाई यह है कि इसे राष्ट्रों द्वारा अस्थिरता के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सीमा पार आतंकवाद के साथ हमारे अपने अनुभव हैं। हमें यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि किसी भी रूप या अभिव्यक्ति में आतंकवाद को उचित या क्षमा नहीं किया जा सकता है। बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर कजाखिस्तान के अस्ताना में आयोजित हो रहे शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने गुरुवार को पहुंचे। यहां उन्होंने अपने समकक्षी चीन के विदेश मंत्री वांग यी मुलाकात की थी और सीमा क्षेत्रों के विवाद पर शीघ्र समाधान पर चर्चा किए थे। भारत नु सुनिश्चित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों के लिए अहम है।
अस्ताना : (मानवी मीडिया) कजाकिस्तान के अस्ताना शहर में आयोजित हो रहे संघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हिस्सा लिया। शंघाई सहयोग संगठन की यह 24वीं बैठक है। इसका आयोजन तीन से चार जुलाई तक यानी दो दिवसीय रहा। इस मौके पर एस जयशंकर आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को पनाह देने की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। सीमा पार आतंकवाद का निर्णायक जवाब देने की आवश्यकता है विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि चुनौतियों की बात करें तो आतंकवाद निश्चित रूप से हममें से कई लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होगा। सच्चाई यह है कि इसे राष्ट्रों द्वारा अस्थिरता के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सीमा पार आतंकवाद के साथ हमारे अपने अनुभव हैं। हमें यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि किसी भी रूप या अभिव्यक्ति में आतंकवाद को उचित या क्षमा नहीं किया जा सकता है। बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर कजाखिस्तान के अस्ताना में आयोजित हो रहे शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने गुरुवार को पहुंचे। यहां उन्होंने अपने समकक्षी चीन के विदेश मंत्री वांग यी मुलाकात की थी और सीमा क्षेत्रों के विवाद पर शीघ्र समाधान पर चर्चा किए थे। भारत नु सुनिश्चित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों के लिए अहम है।